चंदेरी-बसंत पंचमी पर मध्यकालीन भारत के प्रख्यात संगीतज्ञ और ध्रुपद गायक पं. बैजू बावरा की पुण्यतिथि के अवसर पर कीर्ति दुर्ग के पास बनी उनकी समाधि पर दीपांजलि व पुष्पांजलि का कार्यक्रम रखा गया।जिसमें समाधि स्थल को आकर्षक तरीक़े से फूल मालाओं से सजाया गया। बसंतपंचमी की पहली किरण के साथ हवाओं के झोकों ने सूखे हुए पत्तों को कीर्ति दुर्ग परिसर में स्थित बैजू बावरा की समाधि तक पहुचाया वहीं पक्षियों द्वारा सुंदर कलरव के साथ स्वरांजलि दी गई।शाम के समय शहर के संगीत प्रेमियों और शहरवासियों द्वारा समाधि स्थल पर जाकर संगीत सूर्य को श्रृद्धांंजली अर्पित की गई।इस अवसर महंत जुगलकिशोर महाराज, नीरज वर्धमान इंटेक संयोजक, उमेश श्रोत्रिय, मनोज सोनी, जय कोली,सुजीत ओझा सम्मिलित हुए।
इनका कहना है——
संगीत सूर्य पं. बैजू बावरा जी को उनके जीवन काल में भी उपेक्षा मिली और आज भी वो उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं । हम चंदेरी वासियों ने अनेकों बार केंद्र व राज्य सरकारों को कार्यक्रम व सम्मान हेतु निवेदन किया परंतु अब तक न्याय की प्रतीक्षा है।
नीरज जैन’वर्धमान’
संयोजक
इंटैक चंदेरी अध्याय
पुलिसवाला न्यूज़ चंदेरी
पत्रकार सैयद आबिद हाशमी
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