वाराणसी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय जनपद वाराणसी में ब्याज पर पैसे के लिए सूदखोर किसानों की जमीनों का सट्टा करवाकर, 3% से लेकर 4 परसेंट पर दे रहे पैसे।
किसानों के द्वारा भारी भरकम ब्याज की रकम न दे पाने पर, सूदखोरों द्वारा किसानों पर दबाव बनाकर जबरिया कराई जाती है रजिस्ट्री।
सर्किल रेट से भी एक चौथाई दाम दिखाकर पहले करवाते हैं किसानों की जमीन का सट्टा
ब्याज पर पैसा देने के लिए सूदखोर ले रहे नई तकनीक का सहारा, किसानों की जमीन के सर्किल रेट का एक चौथाई रेट दिखाकर पहले सूदखोर करवाते हैं जमीन का सट्टा।
दीमक की तरह बढ़ते भारी भरकम ब्याज न मिलने पर जबरदस्ती करा लेते हैं रजिस्ट्री
बेरोजगारी और मौसम की मार झेल रहा किसान जब समय पर ब्याज के पैसे नहीं दे पता है तो जबरन दबाव बनाकर सूदखोर करा लेते हैं जमीन की रजिस्ट्री,
सट्टे के दबाव और भारी भरकम ब्याज के चलते मजबूर किसान अपनी जमीनों को खोने के लिए बाध्य हो जाता है।
ऐसे सूदखोर भूमाफियाओं को चिन्हित कर सरकार कराए उनकी संपत्तियों की निष्पक्ष जांच
किसानों की जमीनों पर हो रहे सट्टों की अगर सही से जांच कराई जाए तो बहुत से भू माफिया और सूदखोरों की कुंडली अपने आप खुल जाएगी। जिससे किसानों का शोषण होने से रुकेगा और वह अपने जमीन से बेदखल होने से बचेंगे।
सूदखोर खुद के साथ-साथ नाते रिश्तेदारों के नाम से भी करवाते हैं सट्टा,
सूदखोर किसानों की जमीनों का सट्टा अपने नाम से तो करवाते ही हैं, लेकिन सरकारी उलझन से बचने के लिए नाते रिश्तेदारों के नाम से भी करवा रहे हैं सट्टा।
सही से जांच कराई जाए तो एक ही नाम से मिल जाएंगे बहुत सारे किसानों की जमीनों के सट्टे।
नोटिस का भय दिखा कर सूदखोर बन जाते हैं भू- माफिया
किसानों को सट्टे की भूमि की अवधि पूरी दिखाकर नोटिस का भय दिखाते हुए भू-माफिया सूदखोर उनसे उनकी जमीनें जबरदस्ती रजिस्ट्री कराकर हड़प रहे हैं। दबाव में मजबूरी वश किसान भी मान जाते हैं उनकी बात।
ऐसे मामलों के लिए सरकार को बनाने होंगे सख्त प्रावधान और देनी होगी सूदखोरों सख्त सजा
अगर सूदखोरों की संपत्तियों की सरकार सही से जांच कराए तो सूदखोरी के द्वारा किसानों की जमीनें हड़पने वाले बहुत से भूमाफियाओं का काला चिट्ठा सामने आएगा।
ऐसे मामलों के लिए सरकार को सख्त से सख्त सजा निर्धारित करने की आवश्यकता है जिससे किसानों का हो रहा आर्थिक और मानसिक शोषण बंद हो।
प्रभुपाल चौहान
Leave a comment