छिंदवाड़ा पुलिस ने नाबालिगों को बेचने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह में एक महिला सहित 3 आरोपी शामिल थे, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों में रितेश यादव, उसकी पत्नी निधि यादव और कमलेश लोधी शामिल हैं।
क्या था मामला?
नाबालिग के परिजनों ने 15 जुलाई 2025 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 5 जुलाई 2025 को उनकी नाबालिग बेटी को रितेश यादव और उसकी पत्नी निधि यादव खाना बनाने के बहाने घर से ले गए थे। जब तीन दिन तक बेटी वापस नहीं आई, तो रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
टीआई गोविंद सिंह का बयान
मामले में टीआई गोविंद सिंह ने बताया कि आरोपियों ने नाबालिग बच्ची को 80 हजार रुपये में बेच दिया था। रितेश यादव और निधि यादव ने बच्ची को दमोह जिले के कमलेश लोधी को बेचा था। उन्होंने बताया कि मानव तस्करी का यह मामला था, जिसमें आरोपियों ने नाबालिग बच्ची को बहला-फुसलाकर ले गए और बेच दिया। पुलिस ने बच्ची को दस्तयाब कर लिया और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। टीआई ने बताया कि पहले इनके आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिले हैं।
पुलिस ने कैसे आरोपियों तक पहुंची?
पुलिस ने जांच के दौरान मुखबिर तंत्र और सायबर सेल की मदद से आरोपियों की गतिविधियों पर नजर रखी। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और मुखबिरों से मिली जानकारी के आधार पर आरोपियों की पहचान की और उनकी लोकेशन का पता लगाया। इसके बाद पुलिस ने दबिश देकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और नाबालिग को बरामद कर लिया।
पुलिस ने की कड़ी कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक अजय पांडे के मार्गदर्शन में नगर पुलिस अधीक्षक अजय राणा के निर्देशन में थाना देहात पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया। आरोपियों को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
पुलिस टीम की भूमिका
इस कार्रवाई में निरीक्षक जीएस राजपूत, उनि वर्षा सिंह, सउनि संदीप सिंह राजपूत, प्रआर 801 मंगल सिंह, सायबर सेल प्रआर 811 नितिन, 542 आदित्य, आर 779 सौरभ बघेल, आर 640 महेश, मआर 320 रानू और मआर 264 प्रमीला की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
नाबालिगों की सुरक्षा के लिए पुलिस का विशेष अभियान
पुलिस अधीक्षक अजय पांडे ने नाबालिगों की सुरक्षा के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में थाना देहात पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया है।रिपोर्ट_अमित मिश्रा, जिला ब्यूरो छिंदवाड़ा
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