Policewala
Home Policewala छह वर्षों से सीमांकन के लिए भटक रही महिला
Policewala

छह वर्षों से सीमांकन के लिए भटक रही महिला

सब पर नकेल लेकिन ख़ुद राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली लचर

सुशासन तिहार का समाधान शिविर भी बना मजाक

*मनेंद्र गढ़ की महिला ने 2011 में ख़रीदी थी भूमि,2019 में किया था आवेदन
सभी विभागों में नकेल कसने का दावा करने वाले राजस्व विभाग की ख़ुद की कार्यप्रणाली लचर है । उनके अपने ही अफसर विभाग के कार्यो में पलीता लगा रहे हैं । जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण सीमांकन के लिए छह वर्षों से अधिकारियों और राजस्व दफ्तरों की चक्कर काट रही श्रीमति अन्नपूर्णा भट्टाचार्य, पति श्री संजय भट्टाचार्य, निवासी मनेंद्रगढ़, जिला मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर की यह महिला है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार
28 मार्च 2011 को बिलासपुर के मोपका क्षेत्र में एक वैध भूमि का क्रय किया था ।
सीमांकन की प्रक्रिया हेतु उन्होंने वर्ष 2019 में संबंधित तहसील कार्यालय में विधिवत आवेदन प्रस्तुत किया, जिसकी प्रमाणिक प्रति उनके पास सुरक्षित है। किन्तु दुर्भाग्यवश, छह वर्षों के लंबे इंतजार के बाद भी, न तो तहसीलदार द्वारा कोई संज्ञान लिया गया, न ही राजस्व निरीक्षक तक कोई सूचना या नोटिस प्रेषित किया गया।
प्रशासन के अधिकारी बदले लेकिन कार्यप्रणाली नहीं यह अत्यंत खेदजनक है कि आज़ाद भारत में भी आम नागरिक को अपनी वैध भूमि का सीमांकन करवाने के लिए वर्षों तक संघर्ष करना पड़ता है।

यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब यह ज्ञात होता है कि इस अवधि में न केवल जिला प्रशासन बदला, बल्कि संभागीय आयुक्तों से लेकर स्वयं मुख्यमंत्री तक इस विषय में राजस्व विभाग की समीक्षाएँ कर चुके हैं। बावजूद इसके, एक साधारण सीमांकन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकी।
सुशासन तिहार सिर्फ़ प्रोपेगंडा, यहाँ भी केवल खाना पूर्ति
यह इस बात का भी ज्वलंत प्रमाण है कि ‘सुशासन’ के नारों और जमीनी हकीकत में कितना भयंकर अंतर है।
आवेदिका ने अपनी गुहार ‘सुशासन तिहार’ जैसे सरकारी कार्यक्रमों के माध्यम से भी लगाई, किन्तु वह भी औपचारिकता मात्र बनकर रह गया। अब जबकि यह त्यौहार भी समाप्ति की ओर है, समस्या जस की तस बनी हुई है। छह वर्षों तक अधिकारियों की उदासीनता और निष्क्रियता यह दर्शाती है कि राजस्व विभाग की समीक्षा केवल कागजों तक ही सीमित है।
यह पूरा प्रकरण एक आइना है जिसमें सरकार के बहुचर्चित ‘जनसेवा’ और ‘तत्पर प्रशासन’ जैसे दावों की वास्तविकता साफ झलकती है। क्या यही है ‘नया भारत ‘ का प्रशासनिक चेहरा, जहाँ नागरिकों को न्याय पाने के लिए वर्षों तक भटकना पड़े?

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

ऑपरेशन ” ईगल क्लॉ” के अंतर्गत पुलिस थाना तेजाजीनगर की अवैध नशे के सौदागर के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही।

इंदौर मध्य प्रदेश अवैध मादक पदार्थ एम.डी. ड्रग्स की तस्करी करने वाले...

बिलासपुर-रायपुर मुख्य मार्ग मे सडक आदसा,एक की स्पॉट मे हि मौत

बिलासपुर से रायपुर की ओर जा रहे इन्नोवा कार मे सवार व्यक्तियो...

विज्ञान कैम्प में विद्यार्थियों ने परमाणु की संरचना को तार और मनकों से सीखा

सिरसागंज:– विज्ञान भारती ब्रज प्रान्त के अंतर्गत जनपद फिरोजाबाद शाखा के तत्वाधान...