Policewala
Home Policewala बिना विभागीय अनुमति के सहायक परियोजना समन्वयक की नियुक्ति पर उठे सवाल, अपात्र को आदेश जारी कर शिक्षा विभाग विवादों में
Policewala

बिना विभागीय अनुमति के सहायक परियोजना समन्वयक की नियुक्ति पर उठे सवाल, अपात्र को आदेश जारी कर शिक्षा विभाग विवादों में

 

मण्डला – जिला शिक्षा केन्द्र मण्डला में एक सहायक परियोजना समन्वयक की नियुक्ति को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। 14 मई 2025 को जारी एक आदेश के अनुसार, विनीता सोनी, माध्यमिक शिक्षक, शासकीय सीएम राइज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चाबी, विकासखंड मोहगांव को आगामी आदेश तक शैक्षणिक व्यवस्था के तहत सहायक परियोजना समन्वयक (बालिका शिक्षा), जिला शिक्षा केन्द्र मण्डला के रिक्त पद पर कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया है।

आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि उक्त अवधि में उनका वेतन भुगतान पूर्व संस्था से ही किया जाएगा, और यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू माना जाएगा। इसका मतलब है कि जनजाति कार्य विभाग की शिक्षिका अब जिला शिक्षा केन्द्र में कार्य करेंगी, जबकि वेतन जनजाति कार्य विभाग से ही प्राप्त करेंगी।

अब सवाल यह उठ रहा है कि इस प्रक्रिया को प्रतिनियुक्ति माना जाए, संलग्नीकरण या स्थानांतरण? जिले में पहले से ही ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है, ऐसे में शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों में संलग्न करना कहां तक न्यायसंगत है? साथ ही विभागीय नियमों के अनुसार सीएम राइज स्कूलों के शिक्षकों का संलग्नीकरण नहीं किया जा सकता, फिर भी यहां संलग्न किया जाना स्पष्ट रूप से नियमों की अवहेलना दर्शाता है।

नियमों की अनदेखी और चयन प्रक्रिया पर सवाल-

विभागीय सूत्रों के अनुसार यह नियुक्ति नियमों के विरुद्ध की गई है। राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा इस पद के लिए आयोजित लिखित परीक्षा में न्यूनतम 25 अंक प्राप्त करना अनिवार्य था, किंतु संबंधित शिक्षिका इस मानदंड को पूरा नहीं करतीं। इसके बावजूद उन्हें नियुक्त करना अपने आप में चयन प्रक्रिया पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।

आदेश में कलेक्टर की अनुमोदन का हवाला जरूर दिया गया है, परंतु यह स्पष्ट नहीं है कि अनुमोदन के समय कलेक्टर को समुचित जानकारी प्रदान की गई थी या नहीं। इस पर जिला शिक्षा केन्द्र के अधिकारियों से ही सटीक जानकारी प्राप्त हो सकती है।

जनजाति कार्य विभाग की अनभिज्ञता और आपत्ति-

जब इस नियुक्ति के संबंध में जनजाति कार्य विभाग से जानकारी ली गई, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि विभाग को पूर्व में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई थी। जबकि जिले के सीएम राइज विद्यालय जनजाति कार्य विभाग के अधीन आते हैं, ऐसे में विभाग की पूर्व स्वीकृति या एओसी अनिवार्य थी। इसके अभाव में आदेश जारी किया जाना गंभीर प्रशासनिक लापरवाही का संकेत देता है।

यह भी सामने आया है कि जिला स्रोत समन्वयक बिना विभागीय अनुमोदन के जनजाति कार्य विभाग के शिक्षकों का भी संलग्नीकरण कर रहे हैं, जो कि विभागीय प्रक्रिया के विपरीत है।

प्रशासनिक प्रक्रिया और पारदर्शिता पर उठे सवाल-

यह पूरा मामला न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की निष्पक्षता को भी प्रभावित करता है। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग इस विवाद पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या इस पर कोई ठोस कार्यवाही होती है या नहीं।

इनका कहना है –

यह मामला आपके संज्ञान मे लाया गया है, कि उमावि चाबी के माध्यमिक शिक्षक को जिला शिक्षा केन्द्र मण्डला मे सहायक परियोजना(बालिका शिक्षा), के पद पर नियुक्त किया गया है, जबकि ये शिक्षक जनजाति कार्य विभाग के होने के कारण विभागीय अनुमोदन लेना आवश्यक है, बिना अनुमोदन के जिला शिक्षा केन्द्र कार्य करने हेतु आदेशित किया गया है। विभाग इसकी जांच कराकर वैधानिक कार्यवाही करेगा।

विष्णु प्रसाद सिंगोंर
क्षेत्रीय संयोजक/प्रभारी सहायक आयुक्त
जनजातीय कार्य विभाग मण्डला

यह रिक्त पद हेतु वैकल्पित व्यवस्था अस्थाई रूप से की गयी है, कलेक्टर साहब के अनुमोदन लेकर बाद उन्हें यहां जब तक कोई व्यवस्था नही उस समय तक के लिए लाया गया, और जनजाति विभाग को आदेश करके कापी दी गयी है।

अरविंद विश्वकर्मा
परियोजना समन्वयक
जिला शिक्षा केन्द्र
मण्डला

मंडला से अशोक मिश्रा की रिपोर्ट

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

ग्यारहवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जिले भर में हुये सामूहिक योगाभ्यास के कार्यक्रम.

  रानीताल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हुआ जिले का मुख्य कार्यक्रम. लोक निर्माण...

लीनेस क्लब रायपुर द्वारा अनाथ वृद्ध महिला की अन्त्येष्टि

लीनेस क्लब रायपुर द्वारा अनाथ वृद्ध महिला की अन्त्येष्टि * वृद्धाश्रम में...

कृषि विभाग की लापरवाही से किसान बेहाल, नकली बीज से ठगाए, व्यापारी उठा रहे फायदा

डिंडौरी मध्यप्रदेश शहपुरा क्षेत्र के किसानों की उम्मीदें हर बार की तरह...