रायपुर: डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित सिंगिंग प्रतियोगिता का सेमीफाइनल एक यादगार और रोमांचक अनुभव साबित हुआ। 20 सेमीफाइनलिस्टों ने अपनी आवाज से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में आए सैकड़ों दर्शकों ने प्रतियोगिता का पूरी तरह से आनंद लिया और आयोजकों की तारीफ की। प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने अपनी जबरदस्त आवाज और प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया, जबकि जजों को 10 फाइनलिस्ट चुनने में काफी मुश्किलें आईं।
इस वर्ष कार्यक्रम का आयोजन पहली बार किया गया था, और आयोजकों ने उम्मीद से कहीं अधिक सफलता हासिल की। प्रतियोगिता में शामिल हुए 20 प्रतिभागियों को जजों ने उनकी आवाज, शैली और प्रदर्शन के आधार पर माना। हालांकि, इस बार सिर्फ 10 ही फाइनलिस्टों को चुनना था, जो कि एक कठिन कार्य था। प्रतियोगिता के सेमीफाइनल के दौरान जजों ने इन 20 प्रतिभागियों के गुण और कमी दोनों पर ध्यान दिया, और सभी को बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए।
कार्यक्रम के प्रभारी ने इस आयोजन की सफलता पर खुशी जताते हुए कहा, “यह हमारा पहला साल था, और हमें यह उम्मीद भी नहीं थी कि यह कार्यक्रम इतना सफल होगा। हम अगले साल इसे और बड़े स्तर पर आयोजित करने की योजना बना रहे हैं, ताकि और भी ज्यादा लोगों तक पहुंच सके।” उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने रायपुर और पूरे छत्तीसगढ़ से काफी अच्छा रिस्पांस प्राप्त किया है, और यह युवा वर्ग के लिए एक प्रेरणा बन सकता है।
उन्होंने आगे कहा, “हालांकि कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन हमें खुशी है कि हम इन परेशानियों को पार कर सके। अब हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने के लिए और भी मेहनत करनी होगी। कार्यक्रम की सफलता से यह स्पष्ट हो गया है कि हमें इसे भविष्य में और बड़े स्तर पर आयोजित करने की आवश्यकता है।”
अब सभी की नजरें 5 तारीख को होने वाले फाइनल पर टिकी हुई हैं, जिसमें यह तय होगा कि इस सिंगिंग प्रतियोगिता का विजेता कौन बनेगा। प्रतियोगिता के फाइनल में जगह बनाने वाले 10 फाइनलिस्टों की आवाज और प्रदर्शन से यह तय होगा कि इस साल का विजेता कौन होगा।
इस प्रतियोगिता ने यह साबित कर दिया है कि छत्तीसगढ़ के युवा टैलेंट को एक मंच देने की आवश्यकता है, और आगामी वर्षों में इस कार्यक्रम को और भी नए आयामों पर ले जाने की योजना है। यह आयोजन आने वाले समय में राज्य के सांस्कृतिक आयोजनों में एक महत्वपूर्ण स्थान बना सकता है।
रिपोर्ट-मयंक श्रीवास्तव
Leave a comment