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इंदौर क्राइम ब्रांच की कार्रवाई में Digital Arrest ऑनलाइन ठगी प्रकरण में डीडवाना (राजस्थान) का शातिर आरोपी गिरफ्तार।

इंदौर मध्य प्रदेश
आरोपी अपने बैंक खाते में रुपए प्राप्त कर गैंग से जुड़े साथियों के बैंक खातों में करता था रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर ।

आरोपी अच्छे कमीशन के लालच में करता था, फर्जी डिजिटल अरेस्ट गैंग के लिए कार्य।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर फरियादी के साथ 01 लाख 35 हजार रू की हुई थी ऑनलाइन ठगी जिसमें से 99 हजार रुपए आरोपी ने प्राप्त किए थे अपने स्वयं बैंक खाते में।

प्रकरण में कुल 02 आरोपी हुए थे गिरफ्तार।

इंदौर कमिश्नरेट में लोगों से छलकपट कर अवैध लाभ अर्जित करते हुये आर्थिक ठगी करने वाले की पहचान कर विधिसंगत कार्यवाही करते हुये उनकी धरपकड़ करने हेतु प्रभावी कार्यवाही के निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए हैं। उक्त निर्देशों के अनुक्रम में ऑनलाइन ठगी की शिकायतों में क्राइम ब्रांच इंदौर की फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन टीमों को लगाया गया है।

इसी अनुक्रम में इंदौर क्राइम ब्रांच द्वारा संचालित NCRP पोर्टल पर TCS कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर इंदौर निवासी फरियादी ने डिजिटल अरेस्ट के नाम से ऑनलाइन ठगी की शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि दिनांक 17/12/2024 को एक अज्ञात कॉल DHL कोरियर सर्विस से आया है और कहा कि मेरे द्वारा दिल्ली से बैंकाक एक पार्सल भेजने के संबंध में जानकारी चाही गई थी, तो मेरे द्वारा बताया गया कि मैने किसी प्रकार का कोई पार्सल नही भेजा है एवं इन सब बातों से इंकार किया। तो उनके द्वारा बताया गया कि आपके आधार कार्ड का कोई दुरुपयोग कर रहा है यदि आपको इसके बारे में कोई शिकायत करनी है तो मै आपको दिल्ली सायबर सेल से कनेक्ट कर देता हूँ। उसके बाद उसने मुझे किसी दुसरे कॉल पर कनेक्ट किया जिसने भी मुझसे पार्सल के संबंध मे बातचीत की एवं जिसने मुझे बताया कि उक्त पार्सल में 140 ग्राम MDMA है जो इलिगल ड्रग है। उसके बाद उक्त व्यक्ति के द्वारा मुझे आगे की बातचीत के लिये स्काईप आईडी दी गई एवं बताया कि उक्त स्काईप आईडी पर विडियो काल करे। इसके बाद मैने अपनी स्काईप आईडी से उनकी SKYPE ID पर विडियो काल किया। विडियो कॉल शुरु होने पर सामने एक पुलिस इन्सपेक्टर बनकर व्यक्ति ने बात की और बताया कि मैं आपका इन्वेस्टिगेशन आफिसर हूँ, आपके केस की जाँच मेरे द्वारा की जा रही है एवं बताया कि आपको अब विडियो कॉल पर ही रहना है एवं किसी को भी इस बारे मे जानकारी नही देना है। उसके बाद उन्होने बताया कि आपके नाम एवं आधार कार्ड से मनी लान्ड्रीग की जा रही है एवं अलग–अलग राज्यो में आपके आधार आई डी एक्टिव है, आपके नाम पर पाँच बैंक खाते अलग–अलग राज्यो मे चलते पाए गए है, टेररिस्ट से आपके खातो मे लेन–देन पाया गया है जिसके संबंध में आपसे पूछताछ की जाना है और ये कहा कि आप कैमरे पर ही रहेंगे तथा कैमरा बन्द नही करेंगे। उन्होने मुझसे कहा कि चाहे आप घर के कोई भी काम कर रहे हो, कैमरा व ऑडियो ऑन रखेंगे चाहे आप सो भी रहे हो तब भी आप हमें दिखते रहना चाहिए । उसके बाद उन्होने मुझसे मेरे सारे बैंक खातो में जमा राशी की जानकारी ली उसके बाद उन्होने मेरी बात किसी अन्य व्यक्ति से कराई थी जो RBI की तरफ से बात कर रहा था, जिसने मुझे कहा था आपका खाता चैक करना है उसके बाद मेरे खातो का स्टेटमेंट भी मांगा था। उसके बाद बोला कि मैं आपको एक UPI ID भेंज रहा हूँ उस पर आपको फीस की राशी 99,500 रूपये भैजना है तो मैने CRED App से 1 लाख रूपये का लोन लिया था उसके बाद दिनांक 18.12.2024 को उनके द्वारा भेजी गई UPI ID – पर 99,500/- रूपये मैने भेज दिये। उनके द्वारा बताया गया था यह राशी बाद में रिफंड हो जायेगी। इसके बाद उन्होने बताया कि आपका इन्वेस्टिगेशन कंपलीट हो गई है एवं आपको बेल के लिये 35,000 रुपये की फीस जमा करनी होगी तो मैने दिनांक 18.12.2024 को अपने बैंक के खाता से 35,000 रुपये उसके द्वारा बताये आरबीएल बैंक के खाता में ट्रान्सफर कर दिये। इसके बाद भी विडियो कॉल चलता रहा और मेरा दोस्त अक्षय तिवारी मेरे घर पर आया और मुझसे मिला और जब मैने उससे उक्त केस के बारे मे जानकारी ली तो उसने बताया कि यह फर्जी है ऐसा कुछ नही होता है। इस प्रकार मेरे साथ लगभग 1,35,000/– रूपए का ऑनलाइन फ्रॉड हुआ और उक्त घटना सूचना अतिरिक्त पुलिस उपयुक्त राजेश दंडोतिया को दी गई जिनके द्वारा मौके पर पहुंचकर फरियादी का रेस्क्यू कराया और उसके बाद फरियादी के द्वारा NCRP पोर्टल पर भी उपरोक्त घटना की शिकायत की गयी थी।

फरियादी की शिकायत पर क्राइम ब्रांच इंदौर थाने में अपराध धारा 318(4), 316(5), 308(2),338,340, 111(4), 3(5) BNS का पंजीबद्ध किया गया है।

उक्त पर त्वरित कार्यवाही करते हुए प्रकरण में विवेचना के दौरान तकनीकी जानकारियों के आधार पर इंदौर क्राईम ब्रांच के द्वारा जोधपुर (राजस्थान) से आरोपी (1) विक्रम विश्नोई निवासी जिला जोधपुर (राजस्थान) को गिरफ्तार किया गया था। जिसने पूछताछ में टेलीग्राम पर चाइनीज ग्रुप XXXX–TLXIMPS के माध्यम से चाइनीज व्यक्ति TLX के संपर्क में होना और आरोपी अच्छे कमीशन के लालच में चाइनीस व्यक्ति के लिए कार्य करना कबूला था।

उक्त प्रकरण में एक अन्य ट्रांजेक्शन जिसमें फरियादी के 99 हजार रुपए ट्रांसफर हुए थे कि जांच करते गैंग से जुड़े एक अन्य आरोपी (2). हिम्मत सिंह उम्र 26 वर्ष निवासी लाडनूं जिला डीडवाना (राजस्थान) का आरोपी गिरफ्तार किया।

आरोपी से पूछताछ करते बताया कि वह 7वी कक्षा तक पढ़ा लिखा है और 10% कमीशन के लालच में अपने बैंक खाते उपलब्ध कराने एवं गैंग के अन्य सदस्य के साथ जुड़कर ऑनलाइन ठगी में हिस्सेदारी होना कबूला।

आरोपी के द्वारा बताई सभी जानकारियों की जांच क्राइम ब्रांच इंदौर पुलिस के द्वारा की जा रही है, है । प्रकरण में अन्य खुलासे होने की संभावना है।

रिपोर्ट-अनिल भंडारी

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