छत्तीसगढ़
रायपुर 24 जनवरी 2025
छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 2025 आगामी 24 फरवरी से 21 मार्च तक आयोजित किया जाएगा। इस दौरान कुल 17 बैठकें होंगी, जिनमें राज्य के वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट को पेश किया जाएगा। यह सत्र राज्य के विकास और जनकल्याण से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए मंच प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री भूपेश बघेल इस सत्र में राज्य का वार्षिक बजट प्रस्तुत करेंगे। बजट में बुनियादी ढांचे, जनकल्याण योजनाओं और नई परियोजनाओं के लिए वित्तीय प्रावधान किए जाने की संभावना है। इसके साथ ही, बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं, स्वास्थ्य सेवाएं और कानून-व्यवस्था जैसे जनहित के मुद्दे बहस का मुख्य केंद्र होंगे।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में छत्तीसगढ़ सरकार ने 1,47,440 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान लगाया था। उस बजट में राजकोषीय घाटा 17,990 करोड़ रुपये (राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3.2%) था। सितंबर 2024 तक राज्य पर कुल 1,07,125 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया था, जो आर्थिक प्रबंधन के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति दर्शाता है।
विधानसभा चुनाव 2023 में मिली जीत के बाद यह सत्तारूढ़ दल का पहला बजट सत्र होगा। ऐसे में, विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी बहस और नीतिगत मुद्दों पर चर्चा की संभावना है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह सत्र राज्य की आगामी आर्थिक दिशा को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
बजट सत्र लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जहां सरकार अपनी आर्थिक योजनाओं और प्राथमिकताओं को पेश करती है। बजट सत्र में सरकार अपनी आय और व्यय का विवरण प्रस्तुत करती है और विकास योजनाओं के लिए धन आवंटित करती है। यह सत्र सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है।विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच चर्चा से नीतिगत सुधार होते हैं। राजस्व और व्यय का हिसाब रखने और घाटे को नियंत्रित करने का अवसर मिलता है। यह सत्र जनता की उम्मीदों से जुड़ा होता है, जिसमें उनके कल्याण के लिए नई योजनाओं पर चर्चा होती है।
2024 के बजट सत्र के दौरान 17 बैठकें आयोजित की गईं, जिसमें स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और पर्यटन जैसे मुद्दों पर प्रश्न उठाए गए। यह सत्र सरकार की प्राथमिकताओं और नीतियों पर विचार-विमर्श का मंच बना।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 2025 राज्य के विकास और जनहित के लिए नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह सत्र राजनीतिक बहस, आर्थिक पारदर्शिता और विकास के नए आयाम स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगा। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाने के लिए यह सत्र अत्यंत आवश्यक और प्रभावशाली साबित हो सकता है।
( राजीव खरे ब्यूरो चीफ़ छत्तीसगढ़ )
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