कोरबा, छत्तीसगढ़ 2024
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के नकिया उपस्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के बीच महिला स्वास्थ्यकर्मी ने एक गर्भवती महिला का सुरक्षित प्रसव कराया। यह घटना आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं की बदतर स्थिति को उजागर करती है।
बीते दिन, नकिया से 6 किलोमीटर दूर खम्हन के पहाड़ी कोरवा समुदाय की शनियारी बाई को प्रसव पीड़ा होने पर उनके पति नवल साय के साथ स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। वहां जांच के बाद पाया गया कि प्रसव तुरंत आवश्यक है। स्थिति गंभीर होने के कारण महिला स्वास्थ्यकर्मी ने मरीज को कहीं और रेफर करने का जोखिम नहीं लिया।केंद्र में बिजली नहीं होने के कारण स्वास्थ्यकर्मी ने अपने निजी वाहन की बैटरी का उपयोग कर कमरे में बल्ब जलाया। साथ ही, मोबाइल टॉर्च की रोशनी में सुरक्षित प्रसव कराया। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
नकिया उपस्वास्थ्य केंद्र लंबे समय से बिजली और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है। स्वास्थ्य केंद्र में सोलर पैनल लगाए गए थे, लेकिन उनके खराब हो जाने के बाद कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई। क्षेत्र में सीएसईबी की बिजली भी उपलब्ध नहीं है।गांव में निवास करने वाले ग्रामीण और स्वास्थ्यकर्मी इन समस्याओं का सामना रोज़ाना करते हैं। दिन में सूरज की रोशनी से काम चल जाता है, लेकिन रात में मरीजों और स्वास्थ्य सेवाओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी एस.एन. केसरी ने बताया कि गांव में बिजली की समस्या को लेकर पत्राचार किया गया है। डीएफएफ फंड के तहत केंद्र में सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने की योजना है। फिलहाल, प्रसव के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों ने बैटरी और टॉर्च की मदद से स्थिति को संभाला।
स्वास्थ्य केंद्र के लिए पहले सोलर पैनल लगाए गए थे, लेकिन मेंटेनेंस की कमी के कारण वे खराब हो गए। राज्य की अक्षय ऊर्जा एजेंसी, क्रेडा (CREDA), ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सोलर मेटरनिटी किट योजना का प्रस्ताव दिया था। इस योजना में सोलर लाइट और बैटरी बैकअप शामिल थे, जो ऐसे स्वास्थ्य केंद्रों के लिए जीवनरक्षक हो सकते थे।
हालांकि, राज्य सरकार ने इस योजना को मंजूरी नहीं दी, जिससे आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बिजली की कमी के कारण बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों के लिए बिजली की अनुपलब्धता गंभीर समस्या है। इससे न केवल प्रसव के दौरान कठिनाइयां होती हैं, बल्कि टीकाकरण, दवाओं का भंडारण, और आपातकालीन सेवाओं पर भी असर पड़ता है। सोलर पैनल जैसे वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत ऐसे क्षेत्रों के लिए स्थायी समाधान हो सकते हैं।
नकिया गाँव की घटना राज्य की ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित करती है। सरकार और प्रशासन को इन समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से करना चाहिए। सौर ऊर्जा जैसे स्थायी उपायों के माध्यम से बिजली की कमी को दूर किया जा सकता है।
“स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बुनियादी सुविधाएं हर नागरिक का अधिकार हैं। नकिया जैसी घटनाएं सरकार और समाज के लिए चिंतन का विषय होनी चाहिए।”
( राजीव खरे चीफ ब्यूरो छत्तीसगढ़)
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