मंडला। जिले में हाल ही में हुए स्थानांतरण आदेशों को लेकर शिक्षा विभाग सहित कर्मचारियों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। आरोप है कि शासन की स्पष्ट निर्देशों की अनदेखी करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर कनिष्ठ शिक्षकों को विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) का प्रभार सौंपा जा रहा है। इससे न सिर्फ प्रशासनिक मर्यादा भंग हो रही है बल्कि कर्मचारियों में असंतोष भी गहराता जा रहा है।
दिनांक 17 जून 2025 को सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग मण्डला द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश में प्रभारी मंत्री की अनुमोदन का हवाला देते हुए उच्च माध्यमिक शिक्षकों को बीईओ जैसे उच्च प्रशासनिक पद का अतिरिक्त वित्तीय एवं प्रशासनिक प्रभार सौंपा गया है। इस निर्णय में मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक एक 6-1/2024/एफ/9 दिनांक 29.04.2025 एवं आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग म.प्र. के पत्र क्रमांक स्था/2025/9366 दिनांक 07.05.2025 का उल्लेख किया गया है।
शासन आदेशों की अनदेखी:-
विभागीय सूत्रों के अनुसार, मध्यप्रदेश शासन ने पूर्व में जारी आदेश क्रमांक शिक्षा-स्था.1/884/2020/10954 दिनांक 26.06.2020, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 04.11.1996 और 14.11.2014 तथा अन्य अधिसूचनाओं के तहत यह स्पष्ट किया था कि किसी भी रिक्त पद का प्रभार वरिष्ठता या समकक्ष अधिकारी को ही सौंपा जाना चाहिए। परंतु मंडला जिले में इस दिशा-निर्देश का खुला उल्लंघन देखने को मिल रहा है, जहां कनिष्ठ अधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारियों के ऊपर बैठा दिया गया है।
प्रशासनिक असंतुलन और कर्मचारियों में असंतोष:-
कर्मचारियों का कहना है कि इससे वरिष्ठ अधिकारियों को अपने कनिष्ठों के अधीन काम करना पड़ रहा है, जो प्रशासनिक दृष्टिकोण से असंगत है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि प्रभारी मंत्री को केवल तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की जिले में पदस्थापना के अधिकार हैं, द्वितीय श्रेणी के अधिकारी जैसे बीईओ के प्रभार हेतु उनका अनुमोदन नियमों के अनुरूप नहीं है।
मांग उठी – नियमों के अनुसार हो स्थानांतरण:-
कर्मचारी संगठनों ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि स्थानांतरण नीति में पारदर्शिता बरती जाए और नियम विरुद्ध पदस्थापनों पर तत्काल रोक लगाई जाए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि जल्द सुधार नहीं हुआ, तो कर्मचारी आंदोलन का रास्ता अपना सकते हैं।
मंडला जिले में स्थानांतरण नीति 2025 के तहत वरिष्ठता की अनदेखी कर बीईओ पद पर कनिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति ने शासन की नीतियों पर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। यह नियुक्तियां न केवल नियम विरुद्ध मानी जा रही हैं, बल्कि इससे प्रशासनिक ढांचा भी प्रभावित हो रहा है।
इनका कहना है –
वरिष्ठ की जगह कनिष्ठ को बीईओ का प्रभार दिया जाना ग़लत है, जिला शिक्षा समिति की बैठक मे यह मामला उठाया जायेगा, अधिकारियों को शासनादेश का पालन किया जाना चाहिए।
इंजी. कमलेश तेकाम
उपाध्यक्ष एवं शिक्षा समिति अध्यक्ष
जिला पंचायत मण्डला
प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से आदेश हुए हैं, ये आदेश अतिरिक्त प्रभार हेतु है, नये बीईओ की पदस्थापना होने पर इनको हटाया जा सकता है।
बंदना गुप्ता
सहायक आयुक्त जन
जनजाति कार्य विभाग मण्डला
मंडला से अशोक मिश्रा की रिपोर्ट
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