आजादी के 75 साल बाद भी अभी तक जटावती से बासड़ा नदी जाने वाला 4 किलोमीटर डामर रोड नहीं बन पाया
उपखण्ड क्षैत्र बौली के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत हथडोली के ग्राम जटावती से बासडानदी के जानै वालै रास्तै का डामरीकरण आजादी 75 साल पुरे होने के बाद भी नहीं हो पाया है। इस रास्तै पर डामरीकरण की मांग को लेकर ग्राम जटावती और बासड़ा नदी के निवासियों ने कही बार प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाया है लैकिन अभी तक कोई कार्य नहीं हुआ है। ग्राम पंचायत स्तर पर भी 2005-06 में तत्कालीन सरपंच स्व सूरजमल मीना के द्वारा ग्रेवल रोड का निर्माण करवाया गया था जिसको लगभग 15 साल हो चुकें हैं और अब रास्ता पुरी तरह से बंद है जिसके कारण बासड़ानदी के ग्राम वासियों को राशन सामग्री लैनै के लिए 10 किलोमीटर का चक्कर लगाकर पीपलवाडा होतै हुए जटावती आना पड़ता है। जिससे लोगों का समय और पैसा दोनों बर्बाद होते हैं और लोगों की आपसी सहभागिता भी कम रहती है। जिला मुख्यालय जाने के लिए भी लोगों को लगभग 20 किलोमीटर की दूरी अधिक तय करनी पड़ती है। ग्राम पंचायत हथडोली के पुर्व सरपंच और शहीद सरपंच रघुवीर मीणा फाउंडेशन के अध्यक्ष भैरूलाल मीना नै बताया की हमने जटावती से बासडानदी, बासड़ा नदी से सवासानदी, हथडोली से महेशरा रोड के डामरीकरण की मांग अनेकों बार प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से की है परन्तु अभी तक कोई हल नहीं निकला है। प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते जटावती से हथडोली रोड भी बजरी माफियाओं के कारण गढ्डों में तबदील हो गया है। जल्द ही प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने आम जनता ग्राम पंचायत हथडोली की मांग के अनुसार कार्य नहीं करवायें गये तो एक जन आंदोलन के रूप में लोग पहलै उपखण्ड मुख्यालय पर और उसके बाद जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन करेंगे और जरूरत पड़ी तो अनशन पर भी बैठेंगे।
रिपोर्ट – पुलिसवाला ब्यूरो
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