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स्व मणिनागेंद्र सिंह मोनू भैया का प्रथम पुण्य स्मरण गोटेगांव के श्रीमद्भागवत वितरण, कबड्डी शिविर एवं अन्य आयोजन

गोटेगांव

स्व मणिनागेंद्र सिंह पटेल उर्फ मोनू पटेल के प्रथम पुण्य स्मरण के मौके पर गोटेगांव में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
प्रथम पुण्य तिथि पर मणि नागेंद्र सिंह फाउंडेशन एवं एसकेएमजी के संयुक्त तत्वावधान में नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्टेडियम गोटेगांव में बारहवीं के सभी छात्रों को श्रीमद्भागवत गीता का वितरण किया जाएगा। ग्रीष्मकालीन कबड्डी शिविर का शुभारंभ किया जाएगा। पांचवीं एवं आठवीं के छात्रों का सम्मान किया जायेगा। इसके साथ ही स्वच्छता अभियान का शुभारंभ किया जाएगा। कार्यकर्ता नर्मदा जी में भी स्वच्छता का कार्य करेंगे।
आज के दिन हुआ था देवलोक गमन
विगत 1 वर्ष पूर्ण आज के ही दिन एक दुखद खबर आई थी जिससे मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई थी। दरअसल मध्यप्रदेश की राजनीति के उभरते युवा नेता और पूर्व राज्यमंत्री जालम सिंह के पुत्र मणिनागेंद्र सिंह पटेल उर्फ मोनू पटेल का आकस्मिक निधन हो गया था। मोनू पटेल जी का निधन हार्ट अटैक से हुआ था। उनके इस आकस्मिक निधन से उनके परिवार एवं उनके समर्थकों में मातम छा गया था।
कौन है मणिनागेंद्र सिंह पटेल मोनू पटेल?
34 वर्षीय मोनू पटेल उर्फ़ मणिनागेंद्र सिंह पटेल पूर्व राज्यमंत्री श्री जालम सिंह पटेल जी के पुत्र थे। श्री मोनू पटेल ऐसे रत्न थे, जो सामाजिक कार्यों में अपनी सक्रिय भागीदारी के माध्यम से जनता के प्रति समर्पित थे । स्व.मोनू पटेल को जनता भी बेहद प्यार करती थी। जब कभी जनता को जरूरत पड़ती,मोनू भैया हमेशा उनके साथ एक ढाल की तरह खड़े रहते । इतना ही नहीं यही जनता मोनू भैया के समर्थन में भी सदैव खड़ी थी।
गरीबों की सेवा में सदैव तत्पर रहे मोनू भैया
उन्होंने कोरोना के दौरान जरूरतमंद लोगों की मदद की और उसके बाद भी महामारी की सबसे खराब स्थिति के बावजूद सामान्य जीवन जीने के लिए उन्होंने बताया। मोनू पटेल ने अपने पिता की तरह ही जनता के किसी भी विषय में मदद करने का हर सफल प्रयास किया। जैसे कि जरूरत के अनुसार खाद्य सामग्री, आर्थिक सहायता और दूसरी कई सहायताए प्रदान की ।
वह हमेशा युवा पीढ़ी के साथ समाज के कल्याण के सही मार्ग पर उनका मार्गदर्शन करने के लिए खड़े रहते हैं। जो कोई भी शख्स उनके पास किसी भी समस्या के निराकरण के लिए आया तो वह बिना समाधान खाली हाथ नहीं गया।

कोरोना काल मे बेमिसाल सेवा
कोरोना काल के दौरान मोनू एवं उस पर जान छिड़कने वाली मित्र मंडली ने क्षेत्रवासियों की जो सेवा की, वह लोग कभी भुला न पायेंगे । सैकड़ो परिवारों को राशन,दवाई एवं जरुरत की चीजे वह भी एक दो दिन नही पूरे लाकडाउन के दौरान निरंतर निशुल्क वितरित की गई। जब आक्सीजन की कमी आई तो अपने सम्पर्को के दम पर आक्सीजन की पूर्ति करवाई । जिन कोरोना पाजिटिव को उनके परिजन छूने तैयार नही थे उन्हे मोनू एवं उनकी टीम के लोगो ने आवश्यक सावधानी बरतकर हास्पिटल पुहचाकर उनकी जान बचाई । घरो में कोरन्टाइन/आइसोलेट मरीजो एवं उनके परिजनो को भोजन-पानी, सब्जी,राशन ,दवा इत्यादि पुहचाने की उन कठिन क्षणो में चुनौतीपूर्ण व्यवस्था का जिम्मा मोनू पटेल ने उठाया था। परिणाम स्वरूप स्वयं अपने परिजनो सहित पाजिटिव हो गये, फिर भी हास्पिटल मे रहते हुये भी उन्होंने सेवा अभियान को शिथिल नही होने दिया ओर अस्पताल से ही मानिटरिंग जारी रही।
कोरोना काल मे निरंतर सेवा का तत्कालीन अभियान क्षेत्र वासियो को हमेशा याद रहेगा ।

जनसुनवाई से लाखों मामले सुलझे
स्व.मोनू भैया अपनी जनता से इतना प्यार करते थे कि हर गुरुवार को वे और उनकी टीम एक जनसुनवाई का आयोजन करते थे,जिसमें वे पारिवारिक मसलों से लेकर बड़े से बड़े आपराधिक मामलों तक हर मामले को सुलझाते थे। उन्होंने जनता के लिए हर काम को बेहतर बनाने के लिए हजारों समस्याओं को हल किया।
यही कारण है कि मोनू पटेल आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का एक उभरता हुआ सितारा था। जो लोग मदद के लिए उनके पास गए वे कभी खाली हाथ नहीं लौटे क्योंकि उन्होंने अपने देश,भारत के समाज के सामाजिक कल्याण के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। वह पहले लोगो की पूरी बात सुनता और फिर दोनों पक्षों को उनके सम्मान के अनुसार बहुत खुशी से समझौता करने के लिए तैयार करते थे।

एक नज़र परिवार पर
मोनू पटेल के पिता जालम सिंह पटेल जी मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले से पूर्व में मंत्री, विधायक रहे। साथ ही वह पूर्व केन्द्रीय मंत्री वर्तमान केबिनेट मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के भाई भी है। जो मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले से तीन बार विधायक पद के लिए चुने गए। उनके पिता ने भी अपने कार्य काल में जनता का विश्वास प्राप्त किया। उन्होंने बचपन से ही अपने पिता के गुणों के रूप में हमेशा अपने सामाजिक हित का जवाब दिया। उन्होंने हमेशा अपने पिता को जनता के लिए सामाजिक मुद्दों से जूझते देखा है।
वह अपने आत्म-प्रकटीकरण के पीछे सामाजिक कार्य को जारी रखता है क्योंकि बचपन से ही मोनू भैया ने अपने पिता को हर एक दिन लोगों की समस्याओं को हल करते हुए देखा है। इसके बाद मोनू पटेल में अपने पिता की ही तरह काम करने का जुनून इस कदर समाया कि लोग उन्हें अप्रिशिएट करने लगे।
वही अगर बात करें स्व मोनू पटेल जी के परिवार की तो मोनू पटेल की माता का नाम सुमनलता सिंह पटेल है और पिता का श्री जालम सिंह पटेल जी है दादा दादी जी मुलायम सिंह यशोदाबाई पटेल बड़े पापा बड़ी मम्मी श्री सरदार सिंह पटेल,श्री प्रहलाद सिंह पुष्पलता पटेल इनके अलावा मोनू पटेल के परिवार में उनकी दो बहन भी है जिनका नाम फलित सिंह पटेल,प्रतिज्ञा सिंह पटेल है, और एक भाई है जिनका नाम प्रबल सिंह पटेल है । बचपन से ही मोनू पटेल ने परिवार में अपने पिता को सामाजिक कार्यो को करते हुए तथा लोगो की समस्याओ को हल करते देखा है,जिसे देखने के बाद मोनू पटेल को अपने पिता से इस कार्य को आगे भी जारी रखने की प्रेरणा मिली। और यही नहीं उन्होंने अपना पूरा समय जनता के हित के लिए समर्पित भी किया । बस तभी से ही लोगो का विश्वास मोनू पटेल पर और भी ज्यादा प्रगाढ़ होने लगा ।

राजनीति में काफी सक्रिय रहे मोनू
मोनू पटेल क्षेत्र की राजनीति में काफी सक्रिय रहते थे। कहा जाता था कि आगामी समय में पिता की विरासत वही संभालेंगे। मोनू पटेल की जिले के युवाओं में खासी पकड़ थी और उनके निधन के बाद से गोटेगांव समेत पूरे मध्यप्रदेश में आज भी शोक का माहौल है उनके चाहने वाले हर दिन स्व मोनू भैया को याद करते है। देखा जाये तो यह सितारा अपनी बुलंदियों पर आने से पहले ही बुझ गया।

 

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