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मेडिकल के निर्माण कार्यो की प्रगति की समीक्षा कर कलेक्टर श्री सिंघल ने अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा निर्देश

सिवनी़ (म.प्र.)

सिवनी 14 दिसम्बर 23/ कलेक्टर श्री क्षितिज सिंघल ने मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्यों को लेकर लोक निर्माण विभाग (पी आई यू) तथा निर्माण ऐजेंसी के प्रतिनिधियों तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होंने कार्यवार पूर्ण हो चुके एवं प्रगतिरथ कार्यों की जानकारी लेकर निर्माण ऐजेंसी को समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रगतिरथ कार्यों को पूर्ण गुणवत्ता के साथ गति देने के निर्देश भी अधिकारियों को दिेये। इस बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री नवजीवन पंवार, कार्य पालन यंत्री पी आई यू, सी एम एच ओ तथा सिविल सर्जन सहित अन्य संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति रही। 52क्र/

 

विकसित भारत संकल्प यात्रा की तैयारियों की मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने की समीक्षा

सिवनी 14 दिसम्बर 23/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज मंत्रालय में विकसित भारत संकल्प यात्रा के संबंध में समस्त कमिश्नर्स एवं कलेक्टर्स के साथ वीसी के माध्यम से समीक्षा बैठक की एवं यात्रा के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उक्त वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में कलेक्टर श्री क्षितिज सिंघल, सीईओ जिला पंचायत श्री नवजीवन पंवार सहित अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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पीएम किसान सम्मान निधि के लिए कैम्पों का आयोजन 16 से 22 दिसम्बर

छूटे हुये पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिए किया जायेगा डोर-टू-डोर सर्वे

सिवनी 14 दिसम्बर 23/ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत लंबित ई-केवाईसी, हितग्राही की लैण्ड लिंकिंग, आधार और बैंक खाता डीबीटी हेतु इंटेबल की कार्यवाही पीएम किसान सेचुरेशन ड्राइव अभियान के रूप में 15 जनवरी 2024 तक पूर्ण किया जाना है। अभियान अंतर्गत 15 दिसम्बर को ग्रामपंचायतों में पीएम किसान योजना के एक्टीव एवं ई-केवाईसी के लिए लंबित हितग्राहियों की सूची चस्पा की जायेगी तथा 16 दिसम्बर से 22 दिसम्बर तक कैम्प का आयोजन किया जायेगा। 23 से 25 दिसम्बर को सूची का वाचन, छूटे हुये पात्र हितग्राहियों की सूची तथा अपात्र हितग्राहियों की सूची चस्प की जायेगी। 06 से 15 जनवरी को भू-स्वामियों के आधार ऐट्री के लिए डोर-टू डोर सर्वे किया जायेगा। जिले में अभियान के बहतर क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर श्री क्षितिज सिंघल द्वारा ग्रामवार संबंधित हल्का पटवारियों को नोडल नियुक्त किया गया है, तथा मानिटरिंग के लिए सेक्टर अधिकारी की नियुक्ति भी की गई है। संबंधित अधिकारियों को निेर्देशित किया गया है कि अभियान के निर्धारित सयम सीमा में सभी कार्यवाही पूर्ण की जाये, तथा नियत तिथियों को विशेष ग्रामसभाओं का आयोजन कर पात्र अपात्र हितग्राहियों की सूची का वाचन करने की कार्यवाही की जाये। 54क्र/

मध्यस्थता अपनांए, समय बचाएं,
शीघ्र, सस्ता, और सुलभ न्याय पाएं

सिवनी 14 दिसम्बर 23/ मीडिएशन कमेटी के निर्देशानुसार व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिवनी श्री राजेश कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिवनी के तत्वाधान में प्रशिक्षित मीडिएटर के द्वारा प्रकरणों में मध्यस्थता के माध्यम से मामलों को सुलझाया जाता है। इसके द्वारा मध्यस्थ अधिकारी दबाव रहित वातावरण में विभिन्न पक्षों के विवादों का निपटारा करते हैं मध्यस्थता प्रक्रिया के माध्यम से विवादों का अविलंब एवं शीघ्र समाधान होता है। मध्यस्थता प्रकरणों के समाधान में पक्षों की आपसी सहमति को महत्व दिया जाता है। मध्यस्थता के माध्यम से पक्षकारों को समय तथा खर्चों पर किफायत रहती है। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिवनी ने जनता से मध्यस्थता प्रक्रिया का लाभ लेने की अपील की है। 55क्र/

 

खुले में मांस एवं मछली के विक्रय पर रोक

नगरीय क्षेत्रों में 15 दिसम्बर से चलेगा विशेष जाँच अभियान

सिवनी 14 दिसम्बर 23/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में खुले में बिना अनुमति मांस तथा मछली का विक्रय प्रतिबंधित किया जायेगा। इसके संबंध में 15 दिसम्बर से सभी नगरीय निकायों में मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम-1956 के प्रावधानों के तहत विशेष अभियान चलाया जायेगा।

प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री नीरज मंडलोई ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न शहरों में सामान्यत: किसी भी प्रकार के व्यवसाय, दुकान, बाजार या रेहड़ी आदि लगाने के लिये नगरीय निकायों द्वारा मध्यप्रदेश नगरपालिका निगम अधिनियम-1956 एवं अन्य सुसंगत अधिनियमों के अंतर्गत अनुज्ञा/अनुमति/अनापत्ति प्रदान की जाती हैं। विशेष रूप से किसी भी प्रकार के मांस एवं मछली के विक्रय के लिये नगरीय विकास विभाग के अधिनियमों के अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के प्रावधान लागू होते हैं। इसके अंतर्गत जिलों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा मांस एवं मछली के विक्रय के संबंध में अतिरिक्त शर्तें लगाई जाती हैं। इस अधिनियम के अंतर्गत मांस एवं मछली के विक्रय के समस्त प्रतिष्ठानों में अपारदर्शी कांच/दरवाजा एवं साफ-सफाई की सम्पूर्ण व्यवस्था होना अनिवार्य है। इसके साथ ही किसी भी धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार के सामने 100 मीटर की दूरी के भीतर उक्त सामग्री का विक्रय या प्रदर्शन प्रतिबंधित है। सभी जिला कलेक्टर्स, नगरीय निकायों के आयुक्तों और मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को अधिनियमों/नियमों एवं लायसेंस की शर्तों का पालन कड़ाई से कराने के निर्देश दिये गये हैं। सभी निकाय क्षेत्रों में आगामी 15 दिवस तक अतिक्रमण निरोधी दस्ते तथा स्वास्थ्य अमले के अतिरिक्त जिला एवं पुलिस प्रशासन विशेष अभियान चलायेगा। यह अभियान 15 दिसम्बर से प्रारंभ होकर 31 दिसम्बर तक निरंतर चलाया जायेगा। अभियान की राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिये गये हैं।56क्र/

 

महाविद्यालयों को “पीएम कॉलेज ऑफ एक्सिलेंस “के रूप में उन्नयन किया जाएगा

धार्मिक स्थल एवं अन्य स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों को अवैधानिक रूप से और निर्धारित मापदण्ड से अधिक बजाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय

सिवनी 14 दिसम्बर 23/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर संचालित अग्रणी/चिन्हित महाविद्यालयों को “पीएम कॉलेज ऑफ एक्सिलेंस” के रूप में उन्नयन किए जाने के संबंध में निर्णय लिया गया। वर्तमान में प्रदेश में कुल 570 शासकीय महाविद्यालय संचालित है। प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर संचालित अग्रणी/चिन्हित महाविद्यालयों में सभी संकायों में सुविधाओं में वृद्धि करते हुए अग्रणी/चिन्हित महाविद्यालयों को “पीएम कॉलेज ऑफ एक्सिलेंस “के रूप में उन्नयन किया जाएगा। इस पर अनावर्ती व्यय 312 करोड़ 56 लाख रूपए एवं आवर्ती व्यय 147 करोड़ 84 लाख रूपए इस प्रकार कुल राशि 460 करोड़ 40 लाख रूपए का व्यय अनुमानित है। 57क्र/

 

शासकीय/निजी विश्वविद्यालयों में छात्रों की डिग्री/अंकसूची को डिजीलॉकर में अपलोड किया जायेगा

उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित शासकीय/निजी विश्वविद्यालयों में छात्रों की डिग्री/अंकसूची को डिजीलॉकर में अपलोड किये जाने का निर्णय मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया। उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत 16 शासकीय एवं 53 निजी विश्वविद्यालय संचालित है। अभी तक कुल 09 शासकीय विश्वविद्यालयों एवं 5 निजी विश्वविद्यालयों के वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक के छात्रों की अधिकांश डिग्री/अंकसूची डिजीलॉकर में दर्ज की जा चुकी है।

साइबर तहसील परियोजना पूरे प्रदेश में लागू होगी

मंत्रि-परिषद द्वारा 1 जनवरी, 2024 से साइबर तहसील की व्यवस्था मध्यप्रदेश के सभी 55 ज़िलों में लागू करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में बिना आवेदन, नामांतरण और अभिलेख दुरुस्तीकरण की फेसलेशव्यवस्था जून, 2022 से लागू की गई है। इसे साइबर तहसील नाम दिया गया है। इसमें रजिस्ट्री उपरांत, क्रेता के पक्ष में अविवादित नामांतरण, एक फ़ेसलेस, पेपरलेस तरीके से ऑनलाइन प्रक्रिया के द्वारा 14 दिन में बिना आवेदन के और बिना तहसील के चक्कर लगाए स्वतः ऑटोमेटिक तरीके से हो जाता है और खसरे तथा नक़्शे में भी क्रेता का नाम चढ़ जाता है। वर्तमान में यह व्यवस्था प्रदेश के 12 जिलों की 442 तहसीलों में लागू है। इसके माध्यम से अब तक 16 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।

ध्वनि विस्तारक यंत्रों को अवैधानिक रूप से और निर्धारित मापदण्ड से अधिक बजाने पर प्रतिबंध

मंत्रि-परिषद द्वारा धार्मिक स्थल एवं अन्य स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों को अवैधानिक रूप से और निर्धारित मापदण्ड से अधिक बजाने पर प्रतिबंध लगाए जाने के संबंध में निर्णय लिया गया। प्रदेश में धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों पर अवैधानिक रूप से और निर्धारित मापदंड का उल्लंघन करते हुए बजाए जाने वाले लाउडस्पीकरों अथवा डीजे आदि की जाँच के लिए उड़न दस्तों का गठन, निरीक्षण एवं नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा अभियोजन की कार्रवाई का निर्णय लिया गया।

अपराधियों पर अंकुश का निर्णय

मंत्रि-परिषद द्वारा गंभीर अपराधों एवं आदतन अपराधियों की पूर्व अपराधों में प्राप्त जमानत सीआरपीसी की धारा 437,438, 439 के प्रावधान अनुसार माननीय न्यायालय से निरस्त करवाये जाने के संबंध में निर्णय लिया गया।

अवैध मांस-मछली क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध का चलेगा अभियान

मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में बिना लायसेंस के खुले में अवैध रूप से मांस-मछली आदि का क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध का निर्णय लिया गया। इस संबंध में सघन अभियान चलाया जायेगा। यह अभियान जिलो में अतिक्रमण निरोधी दस्ते, स्वास्थ्य अमले, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के समन्वय से चलाया जाएगा। इस अभियान की मॉनीटरिंग मुख्य सचिव के स्तर से की जाएगी।

तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक में वृद्धि, संग्राहकों को 162 करोड़ रूपये का अतिरिक्त पारिश्रमिक

मंत्रि-परिषद द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण दर 3 हजार रूपए प्रति बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रूपए प्रति बोरा करने का निर्णय लिया गया। इससे 35 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को 162 करोड़ रूपए का अतिरिक्त पारिश्रमिक प्राप्त होगा। उल्लेखनीय है कि तेंदूपत्ता संग्रहण दर वर्ष 2017 में 1250 रूपए प्रति बोरा थी। वर्ष 2023 में इसे बढ़ाकर 3 हजार रूपए प्रति बोरा कर दिया था। 58क्र/

 

धार्मिक स्थल अथवा अन्य स्थान में निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउड स्पीकर/डीजे) का उपयोग किया जा सकेगा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रभार ग्रहण करने के बाद प्रथम नस्ती पर हस्ताक्षर किये

ध्वनि प्रदूषण की जाँच के लिये सभी जिलों में उड़नदस्ते गठित किये जायेंगे

सिवनी 14 दिसम्बर 23/ राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि किसी भी प्रकार के धार्मिक स्थल अथवा अन्य स्थान में निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउड स्पीकर/डीजे) आदि का उपयोग किया जा सकेगा। राज्य शासन द्वारा ध्वनि प्रदूषण तथा लाउड स्पीकर आदि के अवैधानिक उपयोग की जाँच के लिये सभी जिलों में उड़नदस्ते गठित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज मंत्रालय में प्रभार ग्रहण करने के बाद इससे संबंधित प्रथम नस्ती पर हस्ताक्षर किये।

मध्यप्रदेश में धार्मिक स्थल और अन्य स्थानों पर मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के प्रावधानों तथा सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है। इसके तहत लाउडस्पीकर एवं अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों के नियम विरूद्ध तेज आवाज में बिना अनुमति के उपयोग को पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है। ध्वनि प्रदूषण तथा लाउड स्पीकर आदि के अवैधानिक उपयोग की जाँच के लिये सभी जिलों में उड़नदस्ते नियमित और आकस्मिक रूप से धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों जहाँ ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग होता है, का निरीक्षण करेंगे तथा नियमों के उल्लंघन की स्थिति में अधिकतम 3 दिन में जाँच कर प्रतिवेदन संबंधित प्राधिकारी को प्रस्तुत करेंगे। उड़नदस्तों में जिला प्रशासन द्वारा नामित अधिकारी, संबंधित थाने का प्रभारी तथा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नामित अधिकारी सदस्य रहेंगे। जिले के समस्त उड़नदस्तों का नोडल अधिकारी एक अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी स्तर का अधिकारी होगा, जिसे जिला कलेक्टर द्वारा नामित किया जायेगा।

धर्म गुरूओं से संवाद और समन्वय के आधार पर लाउड स्पीकरों को हटाने का प्रयास किया जायेगा। ऐसे धार्मिक स्थलों की सूची बनाकर जहाँ इन नियमों और निर्देशों का अनुपालन नहीं हो रहा है, जिला स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा कर पालन प्रतिवेदन आगामी 31 दिसंबर तक गृह विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। ध्वनि प्रदूषण के मामलों की सतत निगरानी के लिये अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध अनुसंधान विभाग) पुलिस मुख्यालय को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारी समय-समय पर लाउड स्पीकरों, डीजे आदि के अवैधानिक प्रयोग के संबंध में प्रतिवेदन शासन को प्रस्तुत करेंगे। इस संबंध में गृह विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।

रिपोर्ट-जितेंद्र बघेल

 

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