अंतरराष्ट्रीय समाचार
मिडिल-ईस्ट के आकाश में उड़ान भर रही सैकड़ों फ़्लाइट्स में यात्रा कर रहे हज़ारों लोगों की जान पर एक नया ख़तरा मंडरा रहा है । प्राप्त जानकारी के अनुसार मिडिल-ईस्ट से कुछ क्षेत्रों से जब फ़्लाइट्स उड़ती हैं तो उनके नैविगेशन सिस्टम प्रभावित हो रहा है, यहाँ तक कि कुछ फ्लाइट्स कभी-कभी मिडिल ईस्ट के कुछ क्षेत्रों में बिना सिग्नल के उड़ान भर रही हैं ।
ग़ौरतलब है कि सितंबर के अंत में ईरान के पास कई कमर्शियल उड़ानों का नेविगेशन सिस्टम बंद हो गया था। एक फ्लाइट्स तो स्पूफिंग का शिकार हो गई और बिना अनुमति के ईरानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर गई।
ऐसा कुछ हो रहा है कि मिडिल-ईस्ट के कुछ क्षेत्रों में उड़ान भरने वाली फ्लाइट्स को पहले एक नकली जीपीएस सिग्नल मिलता है जो फ्लाइट्स को भटका देता है । याने जहां इस फ़्लाइट को जाना होता है, ये सिग्नल उसे उससे मीलों दूर ले जाता है। यह सिग्नल इतना स्ट्रांग होता है कि वह हवाई जहाज के सिस्टम को प्रभावित कर देता है। सबसे चौकाने वाली बात यह है कि जिन क्षेत्रों में युद्ध हो रहा है, वहां सैन्य इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की तैनाती के कारण जैमिंग और स्पूफिंग हो रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मिडिल ईस्ट के आकाश में उड़ान भरते वक्त विमानों को एक फर्जी जीपीएस सिग्नल मिलता है। यह सिग्नल विमानों के सिस्टम को दिखाता है कि विमान अपने तय वायुमार्ग से अलग उड़ान भर रहे हैं। कई बार यह सिग्नल इतने स्ट्रांग होते हैं कि इनसे विमान के पूरे सिस्टम की इंटीग्रिटी प्रभावित होती है। यह खतरा एक बहुत बड़ा ख़तरा है जिससे हज़ारों यात्रियों की जान ख़तरे में पड़ सकती है ।
इस गंभीर खतरे को देखते हुए डीजीसीए ने एयरलाइंस और पायलटों को एक एडवाइज़री जारी की है । डीजीसीए ने कहा है कि एविएशन इंडस्ट्री नए नए खतरों से जूझ रही है । नेविगेशन सिस्टम में आ रही इस समस्या का जो नया खतरा सामने आया है उसे रोकने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं।डीडीसीए की ओर से जारी सर्कुलर से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह एडवाइज़री मिडिल ईस्ट से सभी फ्लाइट्स ऑपरेटरों और एएनएसपी भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण पर लागू की गई है।
( राजीव खरे स्टेट ब्यूरो चीफ़ छत्तीसगढ़ एवं राष्ट्रीय उप संपादक)
राष्ट्रीय ब्यूरो
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