वाराणसी
हलाल प्रमाणित उत्पादों के मामले में आतंकी संगठनों को टेरर फंडिंग की साजिश का पता लगाने के लिए एसटीएफ सक्रिय हो गई है। इसके लिए एसटीएफ की तीन टीमें पूर्वांचल के सबसे बड़े बाजार वाराणसी, आजमगढ़ और मऊ को केंद्र बिंदु मानकर पड़ताल शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में हलाल प्रमाणित उत्पादों से संबंधित लोग कार्रवाई की जद में आएंगे।
मार्च1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में आजमगढ़ के सरायमीर के अबू सलेम, अब्दुल कयूम अंसारी का नाम सामने आया था। उसके बाद से ऐसी देश विरोधी घटनाओं में आजमगढ़ का नाम किसी न किसी बहाने आता ही रहा। इस दाग से आजमगढ़ का पड़ोसी जिला मऊ भी अछूता नहीं रहा। वहीं, वाराणसी से पूर्वांचल के नौ जिलों के साथ ही बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश तक का कारोबार होता है। अफसरों का कहना है कि पड़ताल प्रदेश के सभी जिलों में की जा रही है। मगर, पूर्वांचल में वाराणसी, आजमगढ़ और मऊ पर खास फोकस है। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री-खरीद करने वालों के आर्थिक लेन-देन किस किस्म के हैं। उत्पादों की बिक्री-खरीद से होने वाली आय का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों के लिए तो नहीं किया जा रहा है। जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रभुपाल चौहान
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