इंदौर मध्य प्रदेश दिनांक – 06/11/2023
श्री तिलकेश्वर पार्श्वनाथ उपाश्रय हाल में आज पाठशाला के बच्चों द्वारा 18 पापों (1. प्राणातिपात, 2. मृषावाद, 3. अदत्तादान, 4. मैथुन, 5. परिग्रह, 6. क्रोध, 7. मान, 8. माया, 9. लोभ, 10. राग, 11. द्वेष, 12. कलह, 13. अभ्याख्यान, 14. पैशुन्य, 15. रति-अरति, 16. परपरिवाद, 17. माया-मृषावाद एवं 18. मिथ्यात्वशल्य) पर नाटिका प्रस्तुत की। इस नाटिका में प्रत्येक बच्चे ने इन महा-पापों के दुष्परिणाम बहुत सुंदर एवं प्रभावी ढंग से सबके सम्मुख प्रस्तुत किये। सभी की प्रस्तुति बहुत शानदार एवं जीवंत थी। मुनिराज श्री ऋषभरत्नविजयजी ने एक-एक पाप को विस्तृत रूप से सभी को समझाया एवं संकल्प दिया की कभी ऐसे पाप नहीं करेंगे।
राजेश जैन युवा ने बताया की कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती दिव्या शाह ने किया एवं पाठशाला के अन्य शिक्षकों के सहयोग से सम्पूर्ण आयोजन बहुत सार्थक एवं उपयोगी बना। प्रस्तुति देने वाले बच्चो की खूब खूब अनुमोदना की गई । रतलाम एवं इन्दौर के दोनों गुरूभक्त लाभार्थी परिवार ने बच्चों को पुरस्कृत किया। दिलीप शाह ने प्रोग्राम में पधारे हुए सभी महानुभावों का आभार माना।
राजेश जैन युवा 94250-65959
रिपोर्ट- अनिल भंडारी
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