Policewala
Home Policewala इंदौर में आचार्य श्री वीररत्नसूरीश्वरजी म.सा. एवं आचार्य श्री पद्मभूषणरत्न सूरीश्वरजी म.सा. आदिठाणा 22 का स्वर्णिम चातुर्मास
Policewala

इंदौर में आचार्य श्री वीररत्नसूरीश्वरजी म.सा. एवं आचार्य श्री पद्मभूषणरत्न सूरीश्वरजी म.सा. आदिठाणा 22 का स्वर्णिम चातुर्मास

इंदौर में आचार्य श्री वीररत्नसूरीश्वरजी म.सा. एवं आचार्य श्री पद्मभूषणरत्न सूरीश्वरजी म.सा. आदिठाणा 22 का स्वर्णिम चातुर्मास
इंदौर मध्य प्रदेश
धर्म व्यक्ति को धन्य, धनिक एवं धैर्यवान बनाता है
श्री तिलकेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर उपाश्रय में विराजित मुनिराज श्री ऋषभरत्नविजयजी ने आज प्रवचन में बताया कि, धर्म व्यक्ति को धन्य बनाता है व कषायोँ से दूर रखता है जिससे व्यक्ति धनी एवं धैर्यवान हो जाता है। जड़ (भौतिक वस्तु) के प्रति राग एवं जीव के प्रति द्वेष दोनों ही उचित नहीं हैं। आहार की आसक्ति तप से ही समाप्त हो सकती है। एक दृष्टांत में बताया कि एक मुनि ने श्री गिरनारजी तीर्थ रक्षा के लिये जीवन भर तप (आयंबिल) का भीष्म संकल्प लिया था। रस इंद्रिय को काबू में करने एवं आसक्ति को हटाने के लिये ऐसे उदाहरण अपने सामने रखना चाहिये। धर्म आराधना के लिये आवश्यक स्टेप्स में क्रोध, मान, माया एवं लोभ कषायोँ के त्याग की महत्ता का विवरण दिया। क्रोध के संबंध में बीते कल में चर्चा हो चुकी है।
2. मान – यह कषाय विनय गुण का नाश कर देता है। थोड़ा सा ज्ञान मिलने पर ज्ञानी और थोड़ा सा धन आने पर धनी होने का अहम आ जाता है। अहंकार को दूर करने के लिये अपने से पूर्व के ज्ञानी, बुद्धिमान एवं बलवान का ध्यान करना चाहिये कि में तो उनके सामने कुछ भी नहीं हूँ अर्थात ऊँट को पहाड़ देख लेना चाहिये। जिस वस्तु का मान करेंगे वह कभी भी नहीं मिलेगी। आठ प्रकार के मद का त्याग करना चाहिये। “जिसने किया मान, उसकी गयी आन”।
3. माया – की छाया जीवन में कभी नहीं आना। माया के जाल में से निकल जाना चाहिये । माया से अपने भावों को छिपाकर मायावी मुख से मीठा अंदर से कपटी होता है, अर्थात ‘मुंह में राम बगल में छुरी’। जगत व धर्म में माया का त्याग ही सही अर्थ में मुक्ति है। । “माया से मुक्ति, तिरयंच या नर्क योनि से छुट्टी”
4. लोभ – यह तो सर्वनाशी कषाय है। इससे दूरी ही अच्छी है। लोभ का कोई अंत नहीं है। लालसा लोभ में वृद्धि करती है फिर पापों की उत्पत्ति होती है। लोभ में पाया हुआ धरा पर धरा रह जायेगा। ‘लोभ’ अपने साथ ‘क्रोध’, ‘मान’ एवं ‘माया’ भी लाता है। ‘पापों का बाप लोभ’
कषाय की गाड़ी क्रोध, मान, माया एवं लोभ के पहियों से चलती है। इसलिये विषय कषाय से अपने आप को दूर रखकर धर्म आराधना में लगना ही जीवन का कल्याण है। राग द्वेष हटाकर ‘विषय’ के प्रति वैराग्य उत्पन्न करना है।
कल 13 अगस्त 2023, रविवार को महाप्रभावशाली मणिभद्रवीर पूजन एवं हवन का महा आयोजन तिलकनगर मंदिर उपाश्रय हाल में है। राजेश जैन युवा ने बताया की
मुनिवर का नीति वाक्य–“तूफान किश्तियाँ डूबा देता है, कषाय हस्तियाँ डूबा देता है ।”
इस अवसर पर मुकेश पोरवाल, प्रमोद मेहता, अशोक गोखरू ⁰ साधना देवेंद्र जैन,धार, नीता भामावत एवं संघ के कई पुरुष व महिलायें उपस्थित थीं।
राजेश जैन युवा

94250-65959 रिपोर्ट अनिल भंडारी

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

Categories

Related Articles

राजवाड़ा पर नुक्कड़ सभा इंदौर पुलिस द्वारा साइबर अपराधों के प्रति जनजागरूकता के लिए लगाई

इंदौर मध्य प्रदेश एडिशनल डीसीपी क्राइम ने नागरिकों को साइबर अपराधों के...

पेसा महोत्सव दिवस पर ग्राम पंचायत बरौदी माल में कार्यक्रम आयोजित

डिंडौरी मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत बरौदी माल, जनपद पंचायत शहपुरा, जिला डिंडोरी में...

सीएम राइज स्कूल शहपुरा में वीर बाल दिवस पर भव्य कार्यक्रम आयोजित

डिण्डौरी जिले के शहपुरा नगर स्थित सीएम राइज स्कूल में वीर बाल...

फंस सकते हो आप सेक्सटॉर्शन गैंग के जाल में।

इंदौर मध्य प्रदेश इंदौर पुलिस की साइबर अवेयरनेस की क्लास में SAGE...