सन 1986 में जबलपुर(मध्यप्रदेश) में एक बड़ी डकैती हुई थी। तब मध्यप्रदेश की प्रथम महिला आई.पी.एस. आशा गोपाल जबलपुर में पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ थीं।
29 सितंबर,1986 की रात को जबलपुर के प्रसिद्ध समदड़िया आभूषण भंडार में डकैती की यह घटना घटी थी, लूट और डाकेजनी की सूचना मिलते ही संबंधित थाने में पदस्थ तब आरक्षक (अब सब इंस्पेक्टर) बीरेंद्र सिंह परिहार ने अपने एक साथी सिपाही के साथ बिना किसी जान और अपनी सुरक्षा परवाह किए समदड़िया आभूषण भंडार मार्केट में प्रवेश कर गए, और डकैतों को घेर लिया। तब मध्य प्रदेश पुलिस में पदस्थ आरक्षक बीरेंद्र सिंह परिहार मात्र 23 वर्ष के थे।
डकैत हथियारों से लैस थे, जैसे ही उन्हें भनक लगी की मध्यप्रदेश पुलिस के सिपाही बीरेंद्र सिंह परिहार (एक अन्य) मौके पर पंहुच चुके हैं तो वे भागने का प्रयास करने लगे। केवल बांस के डंडे से लैस सिपाही बीरेंद्र सिंह परिहार (एक अन्य) डाकुओं का पीछा कर रहे थे। अपराधियों ने पकड़े जाने की संभावना से अपनी पिस्टल से लगतार तीन राउंड फायर कर दिया जिससे आरक्षक बीरेंद्र सिंह परिहार के सीने में 3 गोलियां छलनी कर गईं।
29 सितंबर,1986 की रात को जबलपुर में पड़ी डकैती में डकैतों को घेरकर समस्त संपत्ति मात्र 8 घंटों में बरामद कर लेने में जबलपुर के पुलिस बल ने कीर्तिमान स्थापित किया था, जिसमें आरक्षक बीरेंद्र सिंह परिहार की सक्रियता, साहस और योगदान की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मध्यप्रदेश की प्रथम महिला आईपीएस एवं जबलपुर की तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रहीं आशा गोपाल ने उन्हें प्रशस्ति पत्र एवं रैंक प्रमोशन से नवाजा था।
घटना में डकैतों की फायरिंग से घायल हुए आरक्षक बीरेंद्र सिंह परिहार जी की जान बचने की उम्मीद कम थी, तीन मेजर ऑपरेशन एवं गंभीर यत्नों के पश्चात उनकी किसी तरह जान बच सकी थी। सीने में मेजर ऑपरेशन के पश्चात भी उन्होंने पुलिस में नौकरी नहीं छोड़ी अपितु उसके उपरांत भी उन्होंने लगातार 41 वर्ष तक अपनी सेवाएं दी।
हेड कांस्टेबल बनने के पश्चात बीरेंद्र सिंह परिहार जी ने अपनी सेवाएं मुख्यतः कटनी और जबलपुर जिलों में दीं। नौकरी में पदस्थ रहने के दौरान वे सहायक उप-निरीक्षक और फिर उप-निरीक्षक के पद तक पंहुचे और अपना कर्तव्य निभाया।
21 वर्ष की आयु में मध्यप्रदेश पुलिस में भर्ती हुए सब इंस्पेक्टर बीरेंद्र सिंह परिहार का मूल निवास कटनी है , वे बरही के निकट स्थित बड़ागांव के निवासी हैं ,उनके पिता भगत सिंह परिहार एक किसान हैं।
S.I. बीरेंद्र सिंह परिहार 41 वर्ष की अपनी पुलिस सेवा एवं कर्तव्य को पूर्ण करने के पश्चात आज 30 जून 2023 को अपनी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। एक सफल जीवन के लिए उन्हें हार्दिक बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएं।
रिपोर्ट – अशोक कोरी, जबलपुर
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