मध्यप्रदेश जिला सीधी
कभी डॉक्टर अपने समय पर नहीं बैठते, तो कभी डॉक्टर को ढूंढने के लिए मरीज पूरे अस्पताल में चक्कर लगाते रहते हैं,
सिविल सर्जन पद के बीच चल रहे महासंग्राम हाईकोर्ट तक पहुंचते हैं। और वहां से फैसले आने के बाद भी मीडिया में एक दूसरे को पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता है यहां तक की मीडिया में खुलेआम विधायकों को पैसे देकर सिविल सर्जन पद पर बने रहने के आरोप लगाए जा चुके हैं।
एक लंबे समय से वर्तमान सिविल सर्जन डॉक्टर एसबी खरे और डॉक्टर देवेंद्र सिंह के बीच महासंग्राम चल रहा है।
लेकिन ताजा मामला थोड़ा अलग है,
यहां सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी एवं पूर्व सिविल सर्जन डॉक्टर देवेंद्र सिंह पर अस्पताल पहुंचकर सपोर्ट स्टाफ के साथ गाली गलौज करने मारपीट करने एवं अभद्रता का आरोप लगाया गया है।
पूरा घटनाक्रम बुधवार की सुबह करीब 9:00 बजे का है जहां सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेंद्र सिंह ने अपनी संविदा नियुक्ति एसएनसीयू कराई थी, जहां हर दिन की तरह वह रजिस्टर में हस्ताक्षर करने के लिए कार्यालय में पहुंचे तो उन्हें हस्ताक्षर का रजिस्टर नहीं दिया गया जिस पर सपोर्ट स्टाफ विनोद कुमार द्विवेदी और उनके बीच में तू तू मैं मैं हो गई।
जिसका कल सुबह से ही सोशल मीडिया में वीडियो वायरल हो रहा है,
सिविल सर्जन डॉ एस पी थ्री द्वारा थाना प्रभारी को पत्र के माध्यम से सूचना दी गई है कि 31 मई की सुबह करीब 9:00 बजे सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेंद्र सिंह जिला चिकित्सालय अस्पताल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय चेंबर में पहुंचे और विनोद कुमार द्विवेदी सपोर्ट स्टाफ के साथ गाली गलौज करते हुए मारपीट की उपस्थिति पंजी में जबरदस्ती हस्ताक्षर करने से मना करने पर मेरे साथ भी अब शब्दों का प्रयोग करते हुए करीब 1 घंटे तक चिकित्सालय कार्य एवं मरीजों को सुविधा पहुंचाने के साथ ही शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई गई सिविल सर्जन के पत्र में लेख है कि इनकी गतिविधियों की सूचना पूर्व में भी पत्र के माध्यम से दी जा चुकी है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई सिविल सर्जन डॉक्टर खरीदने घटना का वीडियो भी शिकायती पत्र के साथ पलंग किया है साथ ही शिकायत की प्रति आवश्यक कार्यवाही के लिए कलेक्टर पुलिस अधीक्षक के साथ ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भी प्रेषित किया है।
इनका क्या कहना है।
सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेंद्र सिंह द्वारा आए दिन जिला अस्पताल में आकर चिकित्सा स्टाफ के साथ अभद्रता की जाती है शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई जाती है उनकी संविदा नियुक्ति में की गई थी जो मेरे द्वारा निरस्त कर दी गई है बावजूद इसके आकर जबरजस्ती उपस्थिति पंजी में आकर हस्ताक्षर करते हैं मना करने पर हंगामा करते हुए अभद्रता व मारपीट की जाती है
डॉ एस बी खरे
सिविल सर्जन जिला अस्पताल सीधी
रिपोर्ट सोनू गुप्ता
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