इंदौर मध्य प्रदेश
पीथमपूर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष डॉ गौतम कोठारी के साथ हुई एक संगोष्ठी में उक्त विचार संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार सदस्य- डॉ भरत शर्मा में उक्त विचार व्यक्त किए। आपने कहा की मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि बहुत महत्वपूर्ण है और ऐतिहासिक, धार्मिक, साहित्यिक, संगीत एवं कला की दृष्टि से मध्यप्रदेश अत्यंत समृद्ध राज्य है । चन्देल, परमार, होल्कर, गोंड, मराठा आदि राजवंशों के शासन काल और भोजपुर, मांडू जैसे ऐतिहासिक स्थलों से समृद्ध खजुराहो के मंदिर एक विश्व धरोहर स्थल जहाँ की अद्भुत शिल्पकला, सांची स्तूप एक प्रमाण है बौद्ध धर्म की समृद्ध विरासत का , भीमबेटका की गुफाएँ हमारी प्रागैतिहासिक चित्रकला के प्रमाण है ।
प्रादेशिक लोकनृत्य मथिया, लीलाश्री, गढ़ा, रायनृत्य, भगोरिया आदि हो या आल्हा, फाग, निर्गुण, पंडवानी जैसे लोकगीत हमारे प्रदेश की एकांतिक संस्कृति रही है जिनका संवर्धन और संरक्षण हेतु एक रोडमैप बनाये जाना चाहिए ।
मुख्यमंत्री मोहन यादव के मार्गदर्शन में सिंहस्थ कुंभ मेला (उज्जैन), भगोरिया मेला (आदिवासी पर्व), खजुराहो नृत्य महोत्सव, ग्वालियर संगीत समारोह, पुण्यश्लोका देवी अहिल्या जन्मोत्सव पर संस्कृति मंत्रालय के विशेष भागीदारी सराहनीय कदम है।
ज्ञातव्य हो कि वर्तमान में “राम वनगमन पथ” को पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत के रूप में विकसित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के पर्यटन विभाग द्वारा चित्रकूट से अमरकंटक तक के पथ को चिह्नित किया जा रहा है।
डॉ गौतम कोठारी ने डॉ भरत शर्मा का सम्मान स्वयंरचित पुस्तकें भेट स्मृतिचिह्न के रूप में भेट कर किया ।
उक्त अवसर पर उद्योगपति राकेश खंडेलवाल, सुनील पटेल, अधिवक्ता अभिषेक गुप्ता, अनंत कोठारी सहित शहर के गणमान्य उद्योगपति और वरिष्ठजन उपस्थित रहें । n रिपोर्ट अनिल भंडारी
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