डिंडौरी मध्यप्रदेश
जनपद पंचायत शहपुरा, जिला डिण्डौरी मध्यप्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, जहां अध्यक्ष प्रियंका आर्मो के खिलाफ 13 जनपद सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। यह प्रस्ताव कलेक्टर महोदय डिण्डौरी को सौंपा गया है, जिसमें अध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
अविश्वास प्रस्ताव के प्रमुख बिंदु:
1. बैठकों की कमी: प्रस्ताव में उल्लेख किया गया है कि बीते 30 महीनों में जहां 30 मासिक बैठकों का आयोजन होना चाहिए था, वहां केवल 8 ही बैठकें आयोजित की गईं, जिससे क्षेत्र के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
2. व्यक्तिगत लाभ के आरोप: पारित प्रस्तावों पर कार्यवाही न करके अध्यक्ष पर व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य से कार्य करने का आरोप लगाया गया है, जिसे जनविरोधी और नियमों के विपरीत बताया गया है।
3. भेदभावपूर्ण व्यवहार: जनपद सदस्यों का आरोप है कि अध्यक्ष द्वारा सदस्यों के निर्वाचन क्षेत्र में भेदभावपूर्ण तरीके से पंचायत निधि का उपयोग किया गया, जिससे निर्वाचित सदस्यों का महत्व समाप्त हो गया।
4. सामान्य प्रशासन समिति की बैठक: शपथ ग्रहण के बाद 30 महीनों में केवल 1 बार ही सामान्य प्रशासन समिति की बैठक आयोजित की गई, जो पद के दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही को दर्शाता है।
5. महिला बाल विकास समिति का पद रिक्त: महत्वपूर्ण महिला बाल विकास समिति का सभापति पद लगभग 2 वर्षों से रिक्त पड़ा है, जिससे महिला और बाल विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।
जनता में आक्रोश:
प्रस्ताव में कहा गया है कि अध्यक्ष के कृत्यों के कारण क्षेत्र का विकास अवरुद्ध हो गया है और जनता में भारी आक्रोश व्याप्त है। जनहित के विरोध में कार्य करने का आरोप लगाते हुए सदस्यों ने जनपद अध्यक्ष प्रियंका आर्मो को पद से हटाने की मांग की है।
अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख सदस्यों में जनपद अध्यक्ष की बहन ज्योति परस्ते, उपाध्यक्ष जितेन्द्र चंदेल,
देवकरन परस्ते, सरोज बाई परस्ते, टेकेश्वर साहू, मोती बाई तेकाम, देवीदीन झारिया, चमरा सिंह तिलगाम, दीपा परस्ते, कीर्ति साहू, हरिसिंह आर्मी, दुर्गा उद्दे, और शांति धुर्वे शामिल हैं।
राजनीतिक माहौल गरमाया:
इस अविश्वास प्रस्ताव के बाद जनपद पंचायत शहपुरा में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कलेक्टर महोदय इस प्रस्ताव पर क्या निर्णय लेते हैं और आगे की कार्यवाही किस दिशा में बढ़ती है।
यदि अविश्वास प्रस्ताव पारित होता है, तो अध्यक्ष पद के लिए नए चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। वहीं, क्षेत्र की जनता भी इस घटनाक्रम पर नजरें गड़ाए बैठी है, जो विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ने की उम्मीद कर रही है।
रिपोर्ट अखिलेश झारिया
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