बीजापुर:
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में महाराष्ट्र सीमा से लगे नेशनल पार्क इलाके में शनिवार सुबह सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और बस्तर फाइटर की संयुक्त टीम ने इस अभियान को अंजाम दिया, जिसमें अब तक 12 से ज्यादा नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। हालांकि, प्रशासन की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं की गई है।
कैसे हुई मुठभेड़?
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा बलों को खुफिया इनपुट मिला था कि बीजापुर जिले के महाराष्ट्र सीमा से सटे नेशनल पार्क इलाके में नक्सली बड़ी संख्या में जमा हैं और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। इसके बाद सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम को इलाके में सर्च ऑपरेशन के लिए भेजा गया।
जैसे ही जवानों ने जंगल में प्रवेश किया, नक्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने भी मोर्चा संभाला और दोनों ओर से कई घंटे तक गोलीबारी जारी रही। इस दौरान सुरक्षा बलों ने 12 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया। मुठभेड़ के बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई और नक्सली वहां छिपा न हो।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले बड़ी सफलता
यह मुठभेड़ ऐसे समय हुई है जब छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाले हैं। चुनावों से पहले नक्सली गतिविधियों में तेजी देखी गई थी, और आशंका थी कि वे किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। लेकिन इस कार्रवाई को सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता माना जा रहा है, जिससे नक्सलियों के हौसले पस्त हो सकते हैं।
इलाके में बढ़ाई गई सुरक्षा
मुठभेड़ के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है, और आस-पास के गांवों में भी तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इस ऑपरेशन के पीछे का मकसद चुनाव से पहले नक्सलियों के नेटवर्क को कमजोर करना और उनके प्रभाव को खत्म करना है।
सरकार और सुरक्षा बलों का क्या कहना है?
अभी तक सरकार या पुलिस विभाग की ओर से आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि अभियान अभी भी जारी है और जैसे ही विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी, उसे सार्वजनिक किया जाएगा।
नक्सलियों के खिलाफ जारी है अभियान
बस्तर क्षेत्र में लंबे समय से नक्सली हिंसा की घटनाएं होती रही हैं, लेकिन हाल के वर्षों में सुरक्षा बलों ने उन पर लगातार दबाव बनाए रखा है। डीआरजी, एसटीएफ और बस्तर फाइटर जैसी विशेष इकाइयों के गठन के बाद सुरक्षा बलों को कई सफलताएं मिली हैं।
बीजापुर में हुई इस मुठभेड़ को भी इसी कड़ी में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभियान चुनावी प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
( बस्तर ब्यूरो)
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