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सैकड़ो फिट नीचे मौत के कुएं में काम कर रहे मजदूर

बालाघाट मध्यप्रदेश

मजदूरों की जिंदगी से खेल करोड़ों कमा रहा वेदानंद राय-सूरज ब्रहमें

बालाघाट -बालाघाट जिले के आरक्षित वन क्षेत्र लौगुर रेंज के धनसुआ वनखण्ड के कक्ष क्रमांक 644 में घने जंगलों में बाघ, तेंदुआ, भालू, नीलगाय , साभार, चीतल आदि वन प्राणीयों के विचरण क्षेत्र में राष्ट्रीयकृत पेड़ों को उजाड़ कर वेदानन्द राय द्वारा आरक्षित वन अधिनियम नियम , 2024 खनिज अधिनियम तथा श्रम अधिनियम की धज्जियाँ उड़ाते हुवे आरक्षित वन भूमि पर खनिज अधिकारी, वन अधिकारी तथा श्रम अधिकारियों से सांठगांठ कर नियम विरुद्ध मैंगनीज खदान कोड क्रमांक 380054 का संचालन कर रिज़र्व फोरेस्ट की पहाडियों को अंदर ही अन्दर हजारों फिट सुरंग बनाकर खोखला कर वनो को तथा वन प्राणियों को नुकसान पहुंचाने का काम किया जा रहा है। कटेझिरिया खदान में मजदूर अपनी जान पर खेल कर सैकड़ों फिट गहरे सुरंग में रस्सी के सहारे उतरकर वेदानन्द राय के लिए मैंगनीज निकाल कर अपनी जान से हाथ धो रहें हैं। खनिज नियम के विरुद्ध , श्रम नियम के विरूद्ध एवम् वन अधिनियम के विरुद्ध उत्खनन कर नियमों की धज्जियां उड़ा रहें हैं। जबकि नियमानुसार किसी भी प्राइवेट व्यक्ती को खनन के लिए रिजर्व फॉरेस्ट की भूमि लीज पर देने का प्रावधान नही है। इसके लिए केन्द्र सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है। सरकारी एजेंसी ही खनन का कार्य कर सकती है। फिर वेदानन्द राय को रिजर्व फॉरेस्ट में खनन की अनुमति कैसे मिली यह जांच का विषय है। खनिज अधिकारी, वन अधिकारी, एवं श्रम विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में यह नियम विरूद्ध खनन का कार्य आरक्षित वन क्षेत्र में नियम विरूद्ध मैंगनीज माइंस का संचालन बिना डर औऱ भय के किया जा रहा है। बैहर बालाघाट मेन सड़क मार्ग से लगभग 10 किलोमीटर घने जंगलों में संचालित कटेझिरीया मैंगनीज माइंस तक जाने के लिए दो पहाड़ों को चढ़ कर पत्थरैली रास्ता से होकर गुजरना पड़ता है। सूरज ब्रहमें ने कहा कि मुझे लगता है उस स्थान तक आज तक कोई भी अधिकारी नही गया होगा। क्योंकि उस स्थान तक फौर व्हीलर कार का जाना सम्भव नही है। क्योकि जिस दिन नरेंद्र मोदी विचार मंच के मुख्य राष्ट्रीय महासचिव सूरज ब्रम्हे एवं भारतीय मजदूर संघ के विभाग प्रमुख राजकुमार मोहारे मजदूर जगदीश सरोते की जिस सुरंग में मौत हुई उस स्थल का निरीक्षण करने मोटर सायकिल से गए थे उस दिन एक डंपर पहाड़ से रिवर्स हो गया था जिसे जे. सी. बी. से खिचवाया गया था। ऐसी सड़क से अधिकारियों का माइंस तक पहुँचना सम्भव नही है। यहाँ सम्बन्धित विभागीय अधिकारी राय के रुपयों तले दब कर उस मैंगनीज माइंस तक पहुँचना ही नही चाहते। उस माइंस में मजदूरों के कैसे काम करते हैं क्या किसी अधिकारी ने वहां पहुंच कर जायजा लिया ? मजदूरों की सुरक्षा के कोई साधन उपलब्ध नही है, यदि मजदूरों के साथ कोई घटना हो जाये तो ना ही मेडिकल की सुविधा है ना ही टेलीफोन की सुविधा है ना कोई वाहन की सुविधा है। एक वाहन को डंपर में लाद कर ले गए हैं जो कई दिनों से माइंस में दिखाने के लिए खडा है उसका कोई उपयोग नही होता। जिले में एक ही माइंस अवैध रूप से संचालित नही हो रहा है इसी तरह बालाघाट जिले के खनिज अधिकारी आर. के. खातोडकर के संरक्षण में खनिज माफिया के द्वारा जिले में अनेकों माइंस अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। जिसकी उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए। नरेंद्र मोदी विचार मंच के मुख्य राष्ट्रीय महासचिव सूरज ब्रम्हे ने नियम विरुद्ध संचालित कटेझिरीया माइंस को वनों एवं वन प्राणियों की सुरक्षा एवं मजदूरों की हो रही मौत को ध्यान में रखते हुए ,कटेझिरीया माइंस की लीज निरस्त करते हुवे वहाँ काम कर रहे मजदूरों को भरवेली माइंस मे शिफ्ट करने की माँग देश के प्रधानमंत्री मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव , वन मंत्री एवं खनिज मंत्री मध्यप्रदेश सरकार से की है ।

रिपोर्ट-रितेश सोनी

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