छत्तीसगढ़
बीजापुर
जापान में होने वाले अंडर 18 एशिया कप सॉफ्ट बॉल मैच में भारत के टीम में छत्तीसगढ़ से चार खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं जिनमे बीजापुर के तीन खिलाड़ी शामिल हैं। बीजापुर के राकेश, सुशील और त्रिलेश के एशिया कप में चयन होने पर जिले के कलेक्टर राजेंद्र कुमार कटारा एवं विधायक विक्रम मंडावी ने बधाई और शुभकामनाएं दी है।
इन 4 खिलाड़ियों में राकेश कड़ती मूलरूप से बीजापुर के सुदूर इलाके आवापल्ली के रहने वाले हैं, इसके साथ ही सुशील कुड़ियम पिंडुमपाल भैरमगढ़ के अंदरूनी इलाके से हैं। त्रिलेश उद्दे मंगापेटा कुटरू के रहने वाले हैं।
सॉफ्ट बॉल खिलाड़ी राकेश कड़ती के पिता को बचपन में नक्सलियों द्वारा मार दिया गया था और मां का देहांत भी हो गया था। 4 साल की उम्र में सीआरपीएफ के जवानों द्वारा उसको बीजापुर में संचालित (टुमारो फाउंडेशन) बाल गृह के सुपुर्द कर दिया था। जहां रहकर उसने पढ़ाई के साथ अपने खेल में हुनर को उभारा। राकेश कड़ती ने बीजापुर स्पोर्ट्स एकेडमी में सॉफ्ट बाल में बेहतर प्रदर्शन देते हुए अब तक 8 नेशनल गेम खेल चुका है, जिसमें 5 अलग अलग मेडल हासिल किये हैं। राकेश कक्षा 9वीं में शासकीय विद्यालय बीजापुर में पढ़ाई कर रहा है और वह पढ़ लिख कर सॉफ्ट बाल का कोच बनना चाहता है।
सुशील कुड़ियम भैरमगढ़ के अंदरूनी क्षेत्र से है। इसने भी 5 नेशनल गेम खेले हैं। पिता के न होने पर भी मां ने हिम्मत नहीं हारी, बच्चे को पालन-पोषण करती रही । आज अपने बेटे का जिले और प्रदेश में नाम ऊंचा उठता देख मां भी खुश है। सुशील का सपना है कि वह अच्छा प्रशिक्षण लेकर न केवल जिले व प्रदेश बल्कि देश के लिए खेले।
त्रिलेश सॉफ्ट बाल खेल का वरिष्ठ खिलाड़ी है और अपने पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा मे वन रक्षक के पद पर पदस्थ है। त्रिलेश बीजापुर के अंदरूनी इलाकों में जाकर बच्चों को बीजापुर स्पोर्ट्स एकेडमी के बारे में बताकर उन्हे खेल के आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है।
बीजापुर सहित छत्तीसगढ़ के इन बच्चों का किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिये चयनित होकर जापान जैसे देश जाकर खेलने का मौक़ा मिलने से न सिर्फ़ बीजापुर ज़िले बल्कि समूचे छत्तीसगढ़ के खेल जगत में हर्ष का माहौल है । और जब ये बच्चे जापान में भारत की जीत का परचम लहरा कर वापस आऐंगे तो खुद ब खुद हम सब गर्व से कहेंगे “ छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया “
( राजीव खरे स्टेट ब्यूरो)
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