अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने शुक्रवार को यूक्रेन युद्ध को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। युद्ध अपराध के चलते यह वारंट जारी हुआ है, लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि पुतिन गिरफ्तार होंगे और बच्चों को निर्वासित करने के युद्ध अपराध के आरोपी रूसी राष्ट्रपति पर हेग कन्वेंशन के तहत मुकदमा चलने की संभावना है? इन सभी सवालों के जवाब हम देंगे।
पुतिन के खिलाफ वारंट कैसे जारी हुआ
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को आईसीसी ने यूक्रेन युद्ध का अपराधी पाते हुए उनके खिलाफ वारंट जारी किया है। कोर्ट का कहना है कि पुतिन यूक्रेन युद्ध में बच्चों के अपहरण और डिपोर्टेशन के अपराधी हैं। हालांकि, रूस ने इस वारंट को गलत बताते हुए कहा कि पुतिन ने कोई युद्ध अपराध नहीं किया है।
रूस ने वारंट पर क्या कहा
रूस ने आईसीसी द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट की निंदा करते हुए उसका मजाक उड़ाया है। फैसला पर रूस के पूर्व राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव ने तो इसकी तुलना टॉयलेट पेपर तक से कर दी। वहीं, रूसी प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि आईसीसी के फैसलों से रूस का कोई लेना देना नहीं है।
क्या पुतिन होंगे गिरफ्तार
आईसीसी के वारंट के बाद ये सवाल सभी के दिमाग में है कि क्या पुतिन को अब गिरफ्तार किया जा सकता है। आईसीसी के अभियोजक करीम खान ने इन सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ICC किसी भी नेता या व्यक्ति को गलत पाते हुए दोषी तो ठहरा सकता है, लेकिन उसे गिरफ्तार करना उसके लिए आसाना नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि आईसीसी के पास कोई पुलिस बल नहीं है।
आईसीसी को आएंगी ये दिक्कतें
आईसीसी को पुतिन को गिरफ्तार करने में आने वाली सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि अमेरिका और चीन की तरह रूस भी अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय का हिस्सा नहीं है। आईसीसी पुतिन को दोषी तो ठहरा पाया क्योंकि यूक्रेन ने उसके अधिकारक्षेत्र को स्वीकार कर लिया है, हालांकि यूक्रेन भी आईसीसी का सदस्य नहीं है।
दूसरा, रूस 2016 में ICC संधि से निकल गया था और उसने इस वारंट को बेबुनियाद बताया है। रूस ने कहा कि व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ ये निर्णय महत्वहीन है। रूस ने कहा कि हमारे पर अंतरराष्ट्रीय कानून लागू नहीं है और हम इस वारंट को शून्य मानते हैं।
क्या गिरफ्तारी का है कोई रास्ता
पुतिन को गिरफ्तार करने के लिए आईसीसी के पास अब दो और काफी मुश्किल रास्ते हैं। दरअसल, आईसीसी के पास पुलिस बल न होने के कारण वह अब अपने सदस्य देशों पर ही निर्भर है। अब आईसीसी या तो पुतिन का प्रत्यर्पण करा सकता है या तो रूस से बाहर किसी दूसरे देश में पुतिन को गिरफ्तार कर सकता है।
पुतिन पर वारंट का ये होगा असर
रूसी राष्ट्रपति पर इस वारंट का एक असर ये हो सकता है कि आईसीसी अपने 123 सदस्य देशों से उनको गिरफ्तार करने को कहे। इसके चलते पुतिन के विदेशी दौरों पर असर हो सकता है। हालांकि, अभियोजक करीम खान ने कहा कि ऐसा भी नहीं है कि आईसीसी के सदस्य देश उसके दबाव में एकदम आ जाएं। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई लोगों के खिलाफ वारंट जारी हुआ है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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