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- नारायणगंज में बंदरों का आतंक, ग्रामीणों में दहशत – जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे विभाग https://policewala.org.in/?p=46636" target="_blank" rel="nofollow">
मंडला नारायणगंज विकासखंड के पंडरिया और खैरी गांव इन दिनों बंदरों के आतंक से जूझ रहे हैं। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि लोग घरों से बाहर निकलने और छतों पर जाने से कतराने लगे हैं। आधा दर्जन से अधिक लोग बंदरों के हमलों में घायल हो चुके हैं। ग्रामीण बताते हैं कि बंदर दिनभर छतों पर डेरा जमाए रहते हैं और जैसे ही दरवाजा खुलता है, घरों में घुसकर सामान बर्बाद कर देते हैं। वे सूखने रखी सामग्री को फेंक देते हैं, खाने-पीने की चीजें उठा ले जाते हैं और कई बार लोगों पर सीधे हमला भी कर देते हैं। इससे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है।
गांव के कई घरों में रखे गमलों को बंदर नीचे फेंक देते हैं। इससे जहां पौधों का नुकसान होता है, वहीं गमलों के मलबे के गिरने से लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। हालात यह हैं कि ग्रामीण अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं। बार-बार शिकायत के बाद भी न तो वन विभाग ने इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाया है और न ही पंचायत सक्रिय दिखाई दे रही है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अधिकारियों से कई बार बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़ने की मांग की, लेकिन विभाग इसे पंचायत की जिम्मेदारी बताकर पल्ला झाड़ रहा है।
ग्रामीणों में इस लापरवाही को लेकर गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि दोनों विभागों को संयुक्त रूप से आगे आकर इस समस्या से निजात दिलाना चाहिए। ग्रामवासी सूरज सोनी का कहना है कि बंदरों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। वे छतों पर रखे गमले और अन्य सामग्री को नुकसान पहुंचाने के साथ ही लोगों पर हमला करने से भी नहीं चूकते। यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
मंडला से अशोक मिश्रा की रिपोर्ट
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