रायपुर
लगातार चुनावी पराजयों के बाद, छत्तीसगढ़ कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएँ तेज़ हो गई हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, नए प्रदेश अध्यक्ष के साथ दो कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है, ताकि जातीय और क्षेत्रीय संतुलन स्थापित किया जा सके।
वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में कांग्रेस को लगातार चार चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है, जिससे संगठन में बदलाव की मांग उठ रही है। सूत्रों के मुताबिक, वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर विचार हो रहा है।
यदि टीएस सिंहदेव प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं, तो पार्टी दो कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति पर विचार कर रही है। इस फॉर्मूले के तहत, एक कार्यकारी अध्यक्ष आदिवासी समुदाय से और दूसरा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से हो सकता है, ताकि विभिन्न समुदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।
आदिवासी समुदाय से इंद्र शाह मंडावी, फूलोदेवी नेताम, अनिला भेंडिया, लखेश्वर बघेल और अमरजीत भगत के नाम चर्चा में हैं। वहीं, OBC वर्ग से उमेश पटेल, द्वारिकाधीश यादव और रामकुमार यादव प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हाल ही में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) का महासचिव नियुक्त किया गया है और उन्हें पंजाब का प्रभारी भी बनाया गया है। इससे प्रदेश में नए नेतृत्व की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि संगठन में संतुलन बना रहे और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया जा सके।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में संभावित नेतृत्व परिवर्तन और दो कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति का उद्देश्य पार्टी को मजबूत करना और विभिन्न समुदायों के बीच संतुलन स्थापित करना है। आगामी दिनों में इस संबंध में आधिकारिक घोषणा होने की संभावना है, जिससे पार्टी के भविष्य की दिशा निर्धारित होगी।
(राजीव खरे ब्यूरो चीफ छत्तीसगढ़)
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