बस्तर, 20 जनवरी 2025
इंडियन कौंसिल आफ प्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन विश्वकर्मा ने नारायणपुर के वरिष्ठ पत्रकार सैयद वली अहमद आज़ाद को प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजीव खरे व गणेश वैष्णव प्रदेश उपाध्यक्ष की अनुशंसा पर नारायणपुर जिले का अध्यक्ष नियुक्त किया है ।
छत्तीसगढ़ राज्य का एक बहुत बड़ा हिस्सा नक्सल प्रभावित है। नारायणपुर जिला भी इसी का भाग है और न सिर्फ़ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत के सबसे नक्सली प्रभावित जिलों में से एक है। वन आच्छादित ऐसे जिलों में रहने वाले ग्रामीणों विशेषकर आदिवासियों की अपनी बहुत सी समस्याएं हैं जिनका शासन के प्रयासों के बाद भी निराकरण नहीं हो सका है। ऐसे पिछले जिले में लोगों की आवाज बनने के लिये इंडियन कौंसिल आफ प्रेस सक्रिय है। इंडियन कौंसिल आफ प्रेस (आई.सी.ओ. पी.) राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक संगठनों और पत्रकारों को एकजुट करने के लिए बनाया गया एक संगठन है।यह पत्रकारों के साथ साथ समाज के हित एवं विकास हेतु कार्य करता है। पत्रकारिता और समाजसेवा समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पत्रकारों का कार्य जनता को सही और विश्वसनीय समाचार पहुंचाना है, जिससे समाज को सच्चाई का पता चले और उन्हें सही निर्णय करने की क्षमता मिले।
सैयद वली आजाद की नियुक्ति के अलावा इंडियन कौंसिल आफ प्रेस नारायणपुर की जिला कार्यकारिणी का भी गठन किया गया है। इसमें गोपाल ठाकुर को उपाध्यक्ष ,
संतोष कुमार नुरेटी को कोषाध्यक्ष, अनामिका सहारे को सहसचिव, रूबी खान, सोमनाथ यादव तथा जगदीश चौव्हाले को जिला कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया है ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उम्मीद की है कि सैयद वली आजाद की इस नियुक्ति से नारायणपुर जिले के शोषित व निरीह लोगों की मदद के लिये संगठन उनकी आवाज़ बनेगा। ताकि पीड़ित की समस्या सही मंच से उठाकर सही अधिकारी तक न सिर्फ़ पहुँचाई जाकर उसका विधिसम्मत निराकरण कराया जा सके।
ग़ौरतलब है कि समाजसेवा में पत्रकारिता एक शक्तिशाली टूल हो सकती है, क्योंकि यह समस्याओं की चर्चा कर जनता को जागरूक करने का कार्य करती है और सामाजिक बदलाव की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करती है। पत्रकार समाज की ताकत और कमजोरियों की आवाज़ बनने में मदद कर सकता है।
समाज में बहुत सारे लोगों की अपनी अपनी बहुत सारी समस्याएँ होती हैं पर वे स्वयं इनका निराकरण नहीं कर सकते क्योंकि ज़्यादातर समस्याएँ सरकार या उसके विभागों से संबंधित होती हैं। संवेदनशीलता का अभाव सरकारी तंत्र पर हावी है और इसीलिए ज़्यादातर प्रकरण में या तो पीड़ित की सुनवाई ही नहीं होती या उसका शोषण किया जाता है। असंवेदनशील पुलिस व प्रशासन भी कोई मदद नहीं करता।
ऐसे शोषित व निरीह लोगों की मदद के लिये मददगार एक संगठन या आवाज़ ज़रूरी है ताकि पीड़ित की समस्या सही मंच से उठाकर सही अधिकारी तक न सिर्फ़ पहुँचाई जाकर उसका विधिसम्मत निराकरण कराया जा सके।
( छत्तीसगढ़ ब्यूरो)
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