इंदौर मध्य प्रदेश
इंदौर। हमें आतंकियों के लिए युद्ध नीति अपनानी होगी। हमारी फोर्स को आधुनिक हथियारों से सज्जित करना होगा। मुम्बई बम ब्लास्ट का सबक है कि एके 47 वाले आतंकी का मुकाबला डंडा लेकर खड़ा सिपाही नहीं कर सकता।
ये बातें आतंकवाद के मामलों के अंतराष्ट्रीय विशेषज्ञ सप्तर्षि बसु ने स्टेट प्रेस क्लब के संवाद कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा की चिंताजनक स्थिति को तथ्यों के सामने रखा। उन्होंने बताया कि रोहांगिया आतंकियों को देश भर में बसाया गया है। देश के हर प्रमुख एयरपोर्ट के पास घुसपैठियों की झुग्गियां बसी हैं जो कभी भी खतरा पैदा कर सकती हैं। पश्चिम बंगाल बारूद के ढेर पर बैठा है। जमात के हजारों आतंकी उसमें घुसे बैठे हैं। इसीलिए बंगाल में माइक्रो दंगे होते हैं। देश के शत्रु किसी रूल बुक को नहीं मानते।
इन सब विषम परिस्थितियों के मद्देनज़र आम जनता और सिविल सोसाइटी की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए उन्होंने कहा कि हमें जागरूक रहकर प्रो एक्टिव बनना होगा। हर बार ब्लास्ट के बाद क्रिकेट बंद करने की रणनीति छोड़नी होगी। महाविद्यालयों में विशिष्ट वैकल्पिक स्नातकों की टीम तैयार करनी होगी जो वॉर की मानसिकता के ख़िलाफ़ काम करे। बांग्लादेश के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि भारत में “गवर्नमेंट इन एग्जाइल’ का गठन होना चाहिए। बांग्लादेश के राष्ट्रपति को मानसिक रोगी बताते हुए मांग की कि उसका नोबल पुरस्कार वापस होना चाहिए और इंटरनेशनल वॉरंट जारी होना चाहिए। कार्यक्रम के आरंभ में स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल, रवि चावला, सोनाली यादव ने बसु का स्वागत किया। कार्यक्रम समन्वयक एवं क्लब के सचिव पुष्कर सोनी ने कार्यक्रम का प्रभावी संचालन किया। अंत में आभार प्रदर्शन मीना राणा शाह ने किया।
रिपोर्ट अनिल भंडारी
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