मैहर मध्य प्रदेश
पुत्री एवं दामाद के झगड़े से तंग आकर ससुर के द्वारा की गई थी दामाद की हत्या
पुलिस एवम अभियोजन के सतत प्रयासों से आरोपी हुआ दोषसिद्ध
जघन्य अपराधों के आरोपियों के विरूध्द त्वरित सुनवाई एवं उन्हे दंडित किये जाने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक मैहर श्री सुधीर कुमार अग्रवाल द्वारा जिला मैहर एवम समस्त थानों के नोडल अधिकारियों को चिन्हित प्रकरणों के साक्षियों से संवाद स्थापित कर नियत पेशी दिनांक को न्यायालय में उपस्थित रखने हेतु निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक मैहर द्वारा स्वयं भी चिन्हित/सनसनीखेज प्रकरणों की सतत मॉनिटरिंग की जा रही है ।
पुलिस एवं अभियोजन के सतत प्रयासो के परिणामस्वरूप लगातार चिन्हित मामलों के आरोपियो को सजा दिलाने मे सफलता मिल रही है। इसी क्रम में आज दिनांक 23/11/24 को थाना अमदरा के अपराध क्रमांक 173/22 धारा 302 आईपीसी के आरोपी को न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया गया है
मामले का संक्षिप्त विवरण दिनांक 08.04.2022 को ग्राम घुनवारा का गोपी साहू पिता स्व. श्री बाबू साहू उम्र 50 वर्ष जो कि प्रकरण का आरोपी भी है स्वयं फरियादी बनकर थाना अमदरा में अपने दामाद की मृत्यु की सूचना देने आया। एवम बताया कि इसके दामाद के सिर में घर की चौखट लग जाने से उसकी मृत्यू हो गई है।पुलिस के द्वारा घटना स्थल पहुंचकर घटना स्थल एवम मृतक की चोट का निरीक्षण करने पर फरियादी गोपी साहू की सूचना पर शंका उत्पन्न हुई । पुलिस के द्वारा गोपी साहू से सख्ती से पूछताछ करने पर उसके द्वारा बताया गया कि दिनांक 07/04/2022 को रात 10.30 बजे आरोपी का दामाद राकेश साहू अपनी पत्नी सितारा साहू को लिवाने घुनवारा आया था। रात करीब 01 बजे आरोपी के दामाद(मृतक) और पुत्री का विवाद होने पर आरोपी की नींद खुली। दामाद राकेश साहू अपनी पत्नी से ससुराल जाने की बात पर विवाद कर रहा था। ससुर गोपी साहू के समझाने पर नहीं मान रहा था। जिससे क्रोध में आकर गोपी साहू के द्वारा दामाद राकेश साहू के सिर पर सब्बल मारकर उसकी हत्या कर दी गई। और पुलिस को गुमराह करने के लिए दामाद की मृत्यू की मनगढ़ंत कहानी बनाकर घटना की रिपोर्ट करने थाना पहुंचा। पुलिस के द्वारा आरोपी गोपी साहू के विरुद्ध अपराध क्रमांक 173/22 धारा 302 आईपीसी का कायम कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया एवम आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयुक्त सब्बल, घटना वक्त पहने कपड़े एवम विवेचना उपयोगी अन्य सामान जप्त किया गया। प्रकरण की विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र पाठक द्वारा की गई थी
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*पुलिस के द्वारा मामले की सतत मॉनिटरिंग करते हुए प्रकरण के साक्षियो को न्यायालय में पेशी हेतु उपस्थित कराया गया। साथ ही अभियोजन अधिकारी श्री गणेश पाण्डेय के द्वारा आरोपी के विरुद्ध विरचित आरोप को भलीभाँति साबित किया गया. इस प्रकार पुलिस एवं अभियोजन के सतत प्रयासो से हत्या जैसे जघन्य अपराध कारित करने वाले आरोपी गोपी साहू को चतुर्थ जिला सत्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारी श्री शरद लटोरिया ने निर्णय दिनांक 23.11.2024 सत्र प्रकरण क्र. 30/2022 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत हत्या के अपराध के लिए धारा 302 में दोषसिद्ध करते हुए आरोपी को आजीवन कारावास तथा दस हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया ।
रिपोर्टर आशीष चतुर्वेदी
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