तमिलनाडु ले जाकर दलालों ने छोड़ा बेसहारा परिजनों में मची खलबली!
मुश्किलों से निकलने लिए लड़कियां भारत टाइम्स का लिया सहारा!
♦️भारत टाइम्स♦️
(गोलू मरकाम ब्यूरो)
नारायणपुर,(छत्तीसगढ़)। लालच बुरी बला होती है, और इसी लालच में पड़कर कई मासूम लड़कियों की जिंदगी दांव पर लग गई। नारायणपुर जिले से दो दलालों ने दस हजार रुपये की नौकरी का झांसा देकर नाबालिग लड़कियों को तमिलनाडु ले जाकर बेसहारा छोड़ दिया। इन दलालों के नाम दसमू उयके और बुधराम वड्डे बताए जा रहे हैं, जो फिलहाल मोबाइल बंद करके छुपे हुए हैं।
गांव के नाम बदल-बदलकर ये दलाल ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को नौकरी और पैसों का लालच देते रहे। इसके बाद वे लड़कियों को तमिलनाडु में काम दिलाने के बहाने छोड़ आए। नाबालिग लड़कियों ने पत्रकार को फोन के जरिए पूरी घटना की जानकारी दी, जिससे इस घटना का खुलासा हुआ।
जब भारत टाइम्स हिन्दी दैनिक अखबार के पत्रकार ने लड़कियों के परिजनों से संपर्क किया, तो परिजन हक्का-बक्का रह गए। उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की भनक तक नहीं थी। वे सोच रहे थे कि लड़कियां अपनी सहेली के घर गई होंगी। परिजनों ने जब पत्रकार से पूरी सच्चाई जानी, तब उन्हें समझ आया कि उनकी बेटियां दलालों के चंगुल में फंस चुकी हैं।
परिजनों का कहना है कि यदि उनकी बेटियों को जल्द से जल्द वापस नहीं लाया गया, तो वे एफआईआर दर्ज कराकर सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे। दलाल दसमू उयके सीतापाल का निवासी है और बुधराम वड्डे सिवनी कुरूषनार का निवासी बताया गया है।
यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि कैसे लालच के चलते भोले-भाले लोग मुसीबत में फंस सकते हैं। नाबालिग लड़कियों को बेहतर जिंदगी का सपना दिखाकर इन दलालों ने उन्हें अपनी जाल में फंसाया और उन्हें तमिलनाडु में असहाय छोड़ दिया।
छत्तीसगढ़ के इस मामले ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि प्रलोभन की राह पर चलना कभी-कभी जिंदगी को खतरे में डाल सकता है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस को इस मामले की गहराई से जांच कर दलालों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की जा रही है।
परिजनों ने सरकार से भी गुहार लगाई है कि उनके बच्चों को सुरक्षित वापस लाने के लिए सभी संभव प्रयास किए जाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी और नौकरी की तलाश में लोग ऐसे जालसाजों के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और किसी भी लालच में पड़ने से पहले पूरी जांच-पड़ताल कर लें।
इस घटना ने एक बार फिर समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत को रेखांकित किया है, ताकि कोई और मासूम इन प्रलोभनों के जाल में न फंसे।
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