डिंडौरी मध्य प्रदेश
शहपुरा। नगर में बढ़ती वाहनों की संख्या और तेज गति से वाहनों ‘का सड़कों पर दोड़ना वैसे ही दुर्घटनाओं का आमंत्रण देते दिखाई दे रहा है। वहीं दूसरी ओर देखा जा रहा है कि नगर की सड़कों पर जिस प्रकार से नाबालिग किशोरों की दो पहिया वाहन दौड़ाते हुए देखा जाता है उससे उनकी जान को तो खतरा बन ही रहा है साथ ही साथ दूसरों की जान को भी खतरा पैदा करते हुए देखे जा रहे है। जिसमे प्रमुख रूप से देखा जावे तो स्कूली बच्चों का दो पहिया वाहन चलाना दूसरो के लिए खतरा बना हुआ है, क्योंकि इस समय नगर में देखा जावे तो अनेक जगहों पर 12 वर्ष से लेकर 16 वर्ष की आयु वालें सैकड़ों किशोर व किशारियाँ वाहन चलाते दिख आसानी से दिखाई दे जाते है, इसे अभिभावक का बच्चों के प्रति लगाव कहे या भौमिकवाद की दौड़ में दिखावा जो बिना लाईसेंस के वाहन चला रहे कम उम्र के बालक बालिका नासमझी में हादसें का शिकार हो सकते है साथ ही साथ इनकी नादानी से दूसरों की जिन्दगी भी खंतरे में पड़ सकती है। आगे निकलने की होड़- स्कूली विद्यार्थी स्कूल आते जाते समय एक दूसरें से आगे निकलने के लिए रेस लगाते है साथ ही बाइक की गति और सड़को पर अनोखे करतबो का प्रदर्शन भी भीड़ भरी सड़को पर रोजना करते हुए आसानी से देखें जाते है, इनके अभिभावक भी इन खतरों से भलिभांति वाकिफ है। लेकिन भौतिक संसाधनों के उपयोग और थोड़ी सी लापरवाही में जानकार भी अनजान बनें हुए है। सांझ ढलतें ही सड़कों पर-शाम होतें ही नगर की सड़कों पर कई किशोर जिनकी उम्र की बात तो दूर जिस वाहन पर बैठे हुए होते है उनका उसके ब्रेकों तक पैर तक नहीं पहुंच पाते मगर इसके बाद भी उसे नगर की सड़कों पर वाहन दौड़ाते हुए आसानी से देखा जा सकती है, इतना ही नही यह लोग नगर के प्रमुख मार्गों पर हार्न बजाते हुए और तेज गति से वाहन दौड़ाते हुए रोजाना देखे जा सकते है कई मौको पर तो ये किसी दुर्घटना, का शिकार होते हाते बच जाते है? मगर इस ओर न तो प्रशासन ध्यान दे रहा है और न हीं उनके अभिभावक जिसके चलते वाहन दौड़ाने वाले बच्चों के साथ साथ दूसरों की जिन्दगी के लिए भी खतरा पैदा होते हुए जान पड़ रहा है।
रिपोर्ट अखिलेश झारिया
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