पालकों को पौष्टिक आहार, एमसीपी कार्ड व टीकाकरण का बताया महत्व
नारायणपुर,
05 मार्च 2024 // महिला एवं बाल विकास विभाग और यूनिसेफ तथा विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसाइटी के तकनीकी सहयोग से संवेदनशील पालकत्व विषय पर ‘परवरिश के चैंपियन’ कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य बच्चों के सर्वांगीण विकास को दृष्टिगत रखते हुए प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा पर पालकों की संवेदनशील समझ को विकसित करना है।
इस कार्यक्रम के तहत जिले में क्रियान्वित की जा रही गतिविधियों के अवलोकन हेतु आज नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक की कुंदला आंगनवाड़ी केंद्र पर यूनिसेफ़ से सुश्री रंगनै मटेमा, श्री विशाल वासवानी के द्वारा विजिट किया गया। इस अवसर पर केंद्र में पालको के साथ ‘ए’ से एमसीपी कार्ड पर पालक सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें एमसीपी कार्ड के महत्व पर चर्चा करते हुए बताया गया की गर्भवती महिलाओं और बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य की निगरानी करने के लिए और बच्चों के अच्छे लालन-पालन संबंधी जानकारी इसमें दर्ज रहती है। इसमें सभी टीकाकरण का रिकॉर्ड रखा जाता है जिससे चिकित्सा अधिकारियों को जरूरत पड़ने पर मदद मिलती है। इसमें बच्चों के जन्म का रिकॉर्ड भी होता है और बच्चों का नियमित वजन और लंबाई को भी लिखा जाता है ताकि उम्र के अनुसार उनके विकास की स्तर का पता लगाया जा सके। इसलिए सभी बच्चों व गर्भवती माताओं का एमसीपी कार्ड बनवाना नितांत आवश्यक है।
यूनिसेफ टीम द्वारा बच्चों के पालन पोषण, एमसीपी कार्ड व टीकाकरण पर अपने अनुभव पालकों के साथ साझा किया गया। इस अवसर पर विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसायटी की जिला समन्वयक अंजलि बघेल ने “परवरिश के चैपियन” कार्यक्रम अन्तर्गत क्रियान्वित समस्त गतिविधियों और प्रगति से सभी को अवगत कराया। बैठक में लगभग 22 पालकों ने उपस्थित होकर अपने अनुभव साझा किए।
गणेश वैष्णव
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