निंदा प्रस्ताव पारित कैसे ?
जनपद सदस्य मदन वरकडे और निर्माण समिति अध्यक्ष समय लाल द्वारा बताया गया कि निंदा प्रस्ताव पारित नहीं हुआ है SDO का ऐसा कार्य ही नहीं है कि उसके खिलाफ़ निंदा प्रस्ताव पारित हो सके। जनपद अध्यक्ष द्वारा जनपद सदस्यों को गुमराह करके हस्ताक्षर लिए गए और CEO ओझा से साठगांठ कर प्रस्ताव बनाया गया।
CEO ओझा कैसे अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के साथ सम्मिलित
जनपद सदस्य द्वारा बताया गया कि CEO पंकज ओझा जनपद उपाध्यक्ष विजेन्द्र यादव के साथ जबलपुर में पूर्व में पढ़ाई किया हुआ पुराना साथी है और CEO ओझा पहले भी पंचायत की शिकायतों के आधार पर ट्रांसफर किया जा चुका है पर कलेक्टर द्वारा सीईओ को चुनाव के कारण रिलीज नहीं किया गया और सीईओ जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का साथ दे रहा है कि वह कलेक्टर से निवेदन करके ट्रांसफर रुक वाले लेकिन ये होना नामुमकिन है। अगर CEO वापस जनपद में आता है तो पंचायत सरपंच संघ और जनपद सदस्यों द्वारा धरना दिया जावेगा जिसकी जवाबदारी शासन की होगी क्योंकि यह भी जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जैसे दबाव बनाकर पंचायत सचिव से निर्माण कार्यों में पैसे की मांग करता है जिसका विरोध पूर्व में हो चूका है।
अन्य निर्माण कार्यों में भी हस्तक्षेप
जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष द्वारा वन विभाग में चल रहे निर्माण कार्यों में भी बाधा डालने का कार्य किया गया था,पर वहाँ बात जम जाने पर शांत हो गए एवं पूर्व में भी छात्रावासों के मरम्मत कार्य हुए थे उसमें भी उपाध्यक्ष द्वारा ठेकेदार को धमकाया जाता रहा एवं शिकायत की गई लेकिन ठेकेदार द्वारा उपाध्यक्ष को जो राशि मांगी गई थी वह मिल जाने के बाद उपाध्यक्ष शांत हो गया था फिर उसके बाद उस ठेकेदार को परेशान नहीं किया गया ऐसे बहुत से विभिन्न योजनाओं में बाधा डालने और ब्लैकमेलिंग करने की आदत हो गई और मेरे द्वारा समझाने पर नहीं समझे तो मुझे सामने आकर सच्चाई बताना पड़ा और आप नहीं सुधरने पर हम जनपद सरकार बदलकर नया अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाने के विचार में हैं अगर इनमे सुधार नही आता है तो।
छात्रावासों में वसूली के आरोप
जनपद सदस्य मदन वरकडे और निर्माण समिति अध्यक्ष द्वारा बताया गया की छात्रावासों में जाकर छात्रों की पढ़ाई की व्यवस्था देखने के बाद अधीक्षकों की शिकायत की गई फिर उनके ऊपर दबाव बनाकर उनसे वसूली की जाती है और पैसे की मांग पूरी नहीं होने पर उनकी भी शिकायत की गई ।ऐसे जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के कारनामे है की जहाँ छात्र छात्राओं के भविष्य को देखना चाहिए वहाँ भी पैसे की मांग की जा रही है
रिपोर्टर ::- अशोक मिश्रा
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