सिवनी
सिवनी जनपद पंचायत बरघाट अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत आमागढ़ के कर्यालीन दस्तावेजो की जांच कल दिनांक 6 नवंबर 23 को संपन्न हुई । जिला पंचायत सिवनी के गढ़पाल साहब के निर्देशन पर बरघाट जनपद के दो अधिकारियों ने आमागढ़ पंचायत में भ्रष्टाचार की जांच संपन्न की। जिसमें आदेश तो जिला पंचायत का था और जांच कर्ता बरघाट जनपद पंचायत के 2 अधिकारी पी सी ओ और सब इंजीनियर मोनिका सोनी थी । परंतु जो मुख्य कार्य था वह शिकायत कर्ताओं को सूचना जारी करने का था जिस पर सचिव ने अपनी मोहर लगा दी ।
शिकायतकर्ताओं को नोटिस देने वाले आमागढ़ सचिव रामस्वरूप अडकने थे जबकि अभी तक देखा गया है कि जांच कर्ता कार्यालय ही शिकायत कर्ताओं को लिखित सूचना जारी करता है । कही मामला आचार सहित उलंघन की ओर इंगित तो नही कर रहा है ! जानकारों ने बताया कि हालांकि ऑफिशियल जांच थी जिसमे शिकायत के अनुसार दस्तावेजों को जांच की जानी थी इसमें शिकायतकर्ताओं का उपस्थित होना ना होना शिकायतकर्ताओं की मर्जी के ऊपर निर्भर करता है ।पर सवाल यह उठता है कि जब चुनाव आचार संहिता प्रभावी है तो उस समय ही जांच क्यों ? बता दे कि 7 शिकायत कर्ताओं द्वारा 25 अप्रैल 23 को जिला कलेक्टर सिवनी को लिखित आवेदन देकर आमागढ़ पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच की मांग की गई थी ।जिस पर जिला पंचायत की 7 माह बाद अचानक नीद उड़ गई और जनपद बरघाट को तत्काल जांच कर प्रतिवेदन सौंपने कहा गया। जनपद अधिकारियों ने भी आदेश का पालन करते आनंन- फानन में शिकायत में दर्ज जांच मांग की अनदेखी करते हुए सचिव पर ठीकरा फोड़ दिया। सचिव राम स्वरूप अड़कने द्वारा जो सूचना जारी की गई वह 1 बजकर 39 मिनट पर तीन शिकायत कर्ताओं तक पहुंच पाई ।जिसमे 2 बजे से जांच प्रारंभ होना अंकित है ।शिकायत कर्ताओं के पास महज 21 मिनट का समय था ।पंचायत सचिव को शायद यह नही पता कि उनके अधियम में सूचना कितने घंटे/कितने दिन पहले देना अनिवार्य होता है ?
सूरज बघेल
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