संवाददाता :- फिरदौस खान
मंडला :- बीजाडांडी मुख्यालय के समीप उदयपुर मे स्थित राजाशंकर शाह रघुनाथ शाह प्रतिमा को नमन कर उनके बलिदान को याद किया गया।
जिसमे क्षेत्रीय विधायक डॉक्टर अशोक मर्सकोले स्थानीय जनप्रतिनिधि जिला पंचायत सदस्य पुष्पा मरकाम, जिला सदस्य भूपेंद्र वरकडे
जनपद अध्यक्ष करिश्मा पुट्टा , उपाध्यक्ष मोंटू यादव, राजेंद्र पुट्टा मदन शाह वरकडे युवा समाजसेवी गणराज गणेश भलावी , युवा समाजसेवी अरविन्द परते ,गोलू मरावी दलपत सिंह कुंजाम ,गेंदसिंह तेकाम, मरावी ,अशोक वरकडे ,गोवर्धन मरावी,
सभी पंचायतो के सरपंच एवं काफी मात्रा मे क्षेत्रीय जनता जनार्दन उपस्थित रहे।
सामजिक युवा चिंतनकर महेश भलावी ने बताया कि 1857 के महान क्रांतिकारी
राजा शंकरशाह और उनके पुत्र रघुनाथ शाह ने आजादी की लड़ाई में देश के लिए उत्कृष्ट त्याग और बलिदान दिया। वे अंग्रेजी शासन की दमनकारी नीतियों के विरूद्ध अपने विचारों और कविताओं के माध्यम से भी लोगों में आजादी के लिए जोश और उत्साह भरते थे। उनकी कविताओं से अंग्रेजों के विरूद्ध विद्रोह की आग सुलग उठी थी।
राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह ऐसे गोंड शासक थे जिन्होनें देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा करते हुये अपने प्राणों का बलिदान कर दिया, लेकिन अंग्रेजों के सामने सिर नहीं झुकाया. राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह ने 1857 के पहले सन् 1842 और 1818 में भी अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह में शामिल हुये थे.
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