छिंदवाड़ा प्रभारी मंत्री राकेश सिंह के फर्जी लेटरहेड का सरगना गिरफ्तार ..

0

छिंदवाड़ा प्रभारी मंत्री राकेश सिंह के फर्जी लेटरहेड का सरगना गिरफ्तार ..

फर्जी लेटरहेड कांड में तामिया का रोजगार सहायक दिनेश साहू गिरफ्तार, जेल भेजा गया

प्रभारी मंत्री राकेश सिंह के नाम पर फर्जी आदेश बनाकर तबादला कराने की साजिश, करोड़ों की संपत्ति की जांच अब आर्थिक अपराध शाखा की रडार पर

छिंदवाड़ा/ जिले के प्रभारी मंत्री राकेश सिंह के नाम पर फर्जी लेटरहेड तैयार कर तबादला कराने वाले तामिया जनपद के रोजगार सहायक दिनेश साहू को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
यह वही व्यक्ति है जिसने मंत्री के हस्ताक्षर व लेटरहेड की कूटरचना कर एक आदेश तैयार किया था, जिससे स्वयं को लाभ पहुंचाने की साजिश रची गई थी।

कानूनी पेंच और गिरफ्तारी की कार्रवाई

फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब जिला पंचायत ने मंत्री कार्यालय से पत्र की पुष्टि कराई, और मामला फर्जी पाया गया।
इस आधार पर पुलिस सूत्रों के अनुसार भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (कूटरचित दस्तावेज की जालसाजी), 468 (फर्जी सरकारी दस्तावेज का प्रयोग), 471 (फर्जी दस्तावेज का उपयोग) और अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया।

थाना प्रभारी आशीष धुर्वे के नेतृत्व में गठित टीम ने आरोपी को छिपे ठिकाने से दबोचा और पूछताछ के बाद न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेजा गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दिनेश साहू ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कई दिनों तक फरारी काटी और स्थान बदलता रहा।

भ्रष्टाचार और काले धन का बड़ा जाल

जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं — 2007 तक चाट बेचने वाला यह व्यक्ति, 2009 में रोजगार सहायक बनते ही कथित रूप से करोड़पति ठेकेदार बन गया।
उसके नाम पर भोपाल और छिंदवाड़ा में फ्लैट, तामिया में दो मकान, दो दुकानें, लग्ज़री कारें, कुआँबादला में महंगी कृषि भूमि और रिश्तेदारों के नाम पर बनी फर्जी फर्मों से पंचायत ठेकेदारी जैसे कार्य सामने आए हैं।

जानकारों के मुताबिक उसका चचेरा भाई राजदीप साहू (उप सरपंच देलाखारी) और एक वीरेंद्र डेहरिया उसके ठेकेदारी नेटवर्क का हिस्सा हैं।

EOW या CID जांच की तैयारी

पुलिस इस पूरे प्रकरण को अब राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) या CID को सौंपने की तैयारी में है।
जांच का दायरा बढ़ाकर अनुचित संपत्ति और फर्जी ठेकेदारी नेटवर्क की तहकीकात की जाएगी।

प्रशासन में हड़कंप, अन्य आरोपी भी रडार पर

दिनेश साहू की गिरफ्तारी के बाद अन्य सहयोगी ,संलिप्त कर्मचारियों और ठेकेदारों की भूमिका की भी जांच शुरू हो गई है।
सूत्रों का कहना है कि कई आदिवासी पंचायतों की भूमि सौदों में भी उसकी सीधी संलिप्तता रही है।

जिले में हड़कंप, प्रशासनिक स्तर पर सख्ती की मांग

इस सनसनीखेज गिरफ्तारी के बाद जिले के प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा हुआ है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि एक साधारण रोजगार सहायक इतने वर्षों में करोड़ों की संपत्ति का मालिक कैसे बन गया, और उसकी गतिविधियों पर प्रशासन की नज़र क्यों नहीं गई ?
जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठन अब इस मामले में विस्तृत जांच और विभागीय कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

निष्कर्ष:

फर्जी लेटरहेड से लेकर फर्जी ठेकों तक — यह मामला सिर्फ जालसाजी नहीं, बल्कि व्यवस्था में बैठे भ्रष्ट नेटवर्क का आईना है।
अब जबकि आरोपी सलाखों के पीछे है,
कानून की कलम उस पूरे तंत्र तक पहुँचेगी जिसने फर्जी दस्तावेज़ों को “सत्य” का रूप दिया। ब्यूरो छिंदवाड़ा पुलिसवाला_ अमित मिश्रा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here