वीरांगना महारानी दुर्गावती की 501वीं जयंती उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई गई

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मण्डला।गोंडवाना की गौरवमयी वीरांगना महारानी दुर्गावती की 501वीं जयंती का ऐतिहासिक एवं भव्य आयोजन 5 अक्टूबर 2025 को खुटापड़ाव स्थित महारानी दुर्गावती की प्रतिमा स्थल पर अत्यंत हर्षोल्लास, श्रद्धा और सामाजिक एकता के साथ संपन्न हुआ। इस आयोजन में समाज के सैकड़ों श्रद्धालु, बुद्धिजीवी, समाजसेवी, महिलाएं, युवा वर्ग एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में शामिल हुए।

कार्यक्रम की शुरुआत महारानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इसके पश्चात ‘जय गोंडवाना’ के उद्घोष और मातृभूमि वंदना ने वातावरण को देशभक्ति से सराबोर कर दिया।

अतिथियों ने महारानी के बलिदान को किया याद
सभा को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने महारानी दुर्गावती के जीवन, संघर्ष, पराक्रम और बलिदान पर प्रकाश डाला। प्रमुख समाजसेवी गणराज भलावी ने कहा कि महारानी दुर्गावती न केवल गोंडवाना की, बल्कि पूरे भारतवर्ष की शौर्य और आत्मसम्मान की प्रतीक थीं। उन्होंने बताया कि महारानी का जीवन आज के समाज के लिए प्रेरणा है—जहाँ मातृभूमि और स्वाभिमान की रक्षा सर्वोच्च कर्तव्य मानी गई।

वक्ताओं ने यह भी कहा कि महारानी दुर्गावती के शासनकाल में जनकल्याण, न्यायप्रियता और महिलाओं के सम्मान की जो मिसाल स्थापित हुई थी, वह आज भी अनुकरणीय है। आज के समय में समाज को उनकी शिक्षाओं और बलिदान की भावना से प्रेरणा लेकर एकजुट होकर शिक्षा, एकता और स्वाभिमान की ओर अग्रसर होना चाहिए।

उल्लेखनीय उपस्थिति
इस कार्यक्रम में आयोजनकर्ता गणराज भलावी, संयोजक मदन साह वरकड़े, पूर्व जिला सदस्य पुसवा सिंह उददे, युवा अध्यक्ष धर्मेंद्र मरावी, कार्यवाहक अध्यक्ष राममिलन परते, जिला पंचायत सदस्य पुष्पा मरकाम, जनपद उपाध्यक्ष विजेंद्र मोंटू यादव, जनपद समय मरावी, जनपद सदस्य रवि नरेती, राजेंद्र पट्टा, सरपंच डुमरी लाल कुम्हारे, शिक्षक हरि सिंह वरकड़े, सीएस मार्को, भारत मरावी, राजकुमार उईके, मंडी सदस्य धानसिंह आर्मो सहित भारी संख्या में क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे।

यह आयोजन न केवल महारानी दुर्गावती के शौर्य को नमन करने का अवसर था, बल्कि सामाजिक एकता और जागरूकता का भी प्रतीक बन गया।

मंडला से अशोक मिश्रा की रिपोर्ट

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