धमतरी
विद्यार्थियों को नशे के दुष्परिणामों, सड़क सुरक्षा और साइबर फ्रॉड से बचाव की दी गई जानकारी
एसपी.धमतरी के निर्देशन पर अब इंस्पेक्टर KR साहू के नेतृत्व में धमतरी पुलिस द्वारा लगातार जिले के स्कूलों और संस्थानों में जन- जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है ।इसी क्रम में आज दिनांक 21 जुलाई 2025 को आत्मानंद शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला, गोकुलपुर में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के नियम, नशा मुक्ति, नशे के दुष्प्रभाव, तथा सायबर फ्रॉड जैसे समसामयिक और गंभीर विषयों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं को इन विषयों के प्रति जागरूक करना, जीवन कौशल से जोड़ना और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने की ओर प्रेरित करना रहा।
मुख्य विषयवस्तु और जानकारी:
यातायात जागरूकता के तहत बच्चों को हेलमेट, सीट बेल्ट, ट्रैफिक सिग्नल, ओवर स्पीडिंग, सड़क पार करने के नियम, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन न चलाने जैसे मुद्दों की विस्तृत जानकारी दी गई।
▪ नशा मुक्ति विषय में बताया गया कि किसी भी प्रकार का नशा- चाहे वह तंबाकू, शराब या अन्य मादक पदार्थ हो- युवाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक जीवन को गहरे स्तर पर प्रभावित करता है। नशे के दुष्प्रभाव जैसे मानसिक असंतुलन, सामाजिक पतन, अपराध की ओर झुकाव, और पारिवारिक विघटन जैसे पहलुओं पर छात्रों से संवादात्मक चर्चा की गई। सायबर फ्रॉड और ऑनलाइन सुरक्षा विषय में बताया गया कि अजनबियों से ऑनलाइन बातचीत, फर्जी लिंक पर क्लिक करना, ओटीपी शेयर करना या बैंक डिटेल्स साझा करना किस तरह ठगी का कारण बन सकता है।
कार्यक्रम में विशेष सहभागिता:
कार्यक्रम में विद्यालय की प्राचार्य शैलजा पांडेय के कुशल मार्गदर्शन में शाला परिवार का सक्रिय सहयोग रहा।
इस अवसर पर उपस्थित रहे:व्याख्याता: रविकांत पांडेय, यशवंत सोनवानी
शिक्षकगण: लोकेश साहू, राहुल राठौर, पंकज ठाकुर, योगेश्वर साहू, शुभा योगी, दामेश्वरी सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं कार्यक्रम में शामिल हुए और बड़ी रुचि के साथ समस्त विषयों को सुना और सवाल भी पूछे।
कार्यक्रम का संचालन संवादात्मक शैली में किया गया, जिससे विद्यार्थियों को विषयों को समझने में आसानी हुई और वे खुलकर अपनी जिज्ञासाएँ भी व्यक्त कर सके।
धमतरी पुलिस द्वारा चलाए जा रहे इस प्रकार के शैक्षणिक जागरूकता कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों को अपराध से दूर रखना, उन्हें सजग बनाना और भविष्य के लिए मानसिक रूप से सशक्त तैयार करना है।
रिपोर्ट: मयंक श्रीवास्तव
ब्यूरो चीफ
पुलिसवाला न्यूज़
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