डिंडौरी मध्यप्रदेश
नगर परिषद शहपुरा द्वारा राजस्व विभाग एवं पुलिस की संयुक्त टीम के साथ एक बार फिर नगर में अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू कर दी गई है। बरसात की दस्तक के साथ शुरू हुई इस कार्यवाही ने नगर के छोटे व्यापारियों की रोज़ी-रोटी पर संकट खड़ा कर दिया है।
बीते वर्ष की तरह इस बार भी कार्यवाही ने गरीब दुकानदारों की कमर तोड़ दी है। पिछले वर्ष डिवाइडर निर्माण के नाम पर नगर के व्यापारिक इलाकों को उजाड़ दिया गया था, लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद न तो डिवाइडर बने और न ही कोई विकास कार्य हुआ। अब जब व्यापारियों ने धीरे-धीरे अपने व्यवसाय को संभालने की कोशिश शुरू की थी, प्रशासन ने फिर से बुलडोज़र चलवा दिए।
मुँह देखी कार्यवाही का आरोप
स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों का आरोप है कि नगर परिषद द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही निष्पक्ष नहीं है। कहीं 40 फीट चौड़ी सड़क पर कार्यवाही की जा रही है, तो कहीं 30 फीट में ही JCB चला दी जा रही है। लोगों का कहना है कि परिषद के कर्मचारी अपने परिचितों को छोड़कर सिर्फ चुनिंदा दुकानों पर ही कार्यवाही कर रहे हैं।
व्यापारियों की पीड़ा
वही एक छोटे व्यापारी ने बताया की, “हम पहले से ही आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। बरसात का समय है, यही महीना ऐसा होता है जब थोड़ी कमाई होती है, लेकिन प्रशासन ने हमें फिर सड़क पर ला खड़ा किया है।”
प्रशासन की चुप्पी
वहीं, नगर परिषद की ओर से अभी तक इस विषय में कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है। अधिकारी सिर्फ यही कह रहे हैं कि यह कार्यवाही “सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने” के लिए है।
स्थानीय जनता की मांग
नगर के नागरिकों ने मांग की है कि कार्यवाही पूरी तरह पारदर्शी और सभी के लिए समान होनी चाहिए। साथ ही, प्रशासन को पहले वैकल्पिक व्यवस्था देनी चाहिए, जिससे गरीब और छोटे व्यापारी दो जून की रोटी के लिए दर-दर न भटकें।
शहपुरा नगर में इस मुद्दे ने एक बार फिर प्रशासन की कार्यप्रणाली और संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रिपोर्ट-अखिलेश झारिया
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