डिंडोरी। जनपद पंचायत शहपुरा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बिजौरी में गुरुवार को ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक की कार्यप्रणाली से नाराज ग्रामीणों ने पंचायत कार्यालय में ताला जड़ दिया, जिससे प्रशासनिक हलचल मच गई।
ग्राम सभा का आयोजन न होने से भड़के ग्रामीण
ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत में पारदर्शिता की कमी है। ग्राम सभा का आयोजन नहीं किया जाता, जिससे विकास कार्यों की जानकारी आमजन तक नहीं पहुंच पाती। पंचायत में योजनाओं का क्रियान्वयन मनमाने ढंग से किया जा रहा है और योजनाओं की राशि का आहरण भी बिना किसी सूचना या मंजूरी के हो रहा है।
शिकायतों पर नहीं होती सुनवाई
ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत की अनियमितताओं के खिलाफ कई बार जनपद और जिला स्तर पर शिकायत की गई, लेकिन न तो किसी प्रकार की जांच हुई और न ही दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। पंचायत स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार और मनमानी से त्रस्त ग्रामीणों ने आखिरकार पंचायत कार्यालय में ताला लगाकर विरोध जताया।
आवास प्लस सर्वे में भी लापरवाही के आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि आवास प्लस योजना के सर्वे में भी भारी अनियमितता बरती गई है। पात्र परिवारों को सूची से बाहर रखा गया, जबकि अपात्र लोगों को योजना का लाभ दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि सर्वे में हुई लापरवाही के चलते कई गरीब और जरूरतमंद परिवार आज भी छत की आस लगाए बैठे हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी पर उठे सवाल
जनपद और जिला प्रशासन की उदासीनता पर भी सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार जिला मुख्यालय जाकर अधिकारियों से गुहार लगाई गई, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन देकर लौटा दिया गया। अधिकारियों की चुप्पी से ग्रामीणों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।
ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि जब तक सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक को हटाया नहीं जाता और पंचायत में पारदर्शिता सुनिश्चित नहीं होती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि जरूरत पड़ी तो वे उग्र आंदोलन करेंगे और जिलेभर में इस मुद्दे को उठाएंगे।
डिंडोरी से जिला ब्यूरो अखिलेश झारिया की रिपोर्ट
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