जबलपुर में पिछले दिनों तहसीलदार, पटवारी समेत सात लोगों पर जमीन धोखाधड़ी का केस दर्ज करने के विरोध में मध्य प्रदेश के तहसीलदार, नायब तहसीलदार और एसएलआर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इसकी वजह से राज्य की सभी तहसीलों से जुड़े कई काम प्रभावित हो रहे हैं।
मध्य प्रदेश में तहसीलदारों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. प्रदेश भर के 1400 से ज्यादा तहसीलदार, नायब तहसीलदार और एसएलआर हड़ताल पर हैं. इस हड़ताल की वजह से तहसील कार्यालय से जुड़े कई जरूरी काम प्रभावित हो सकते हैं. जबलपुर में पिछले दिनों तहसीलदार पटवारी सहित सात लोगों पर जमीन धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है, जिसके विरोध में प्रदेश भर के तहसीलदार नायब तहसीलदार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर कल से चले गए हैं।
जबलपुर में कलेक्टर दीपक सक्सेना के खिलाफ हड़ताल कर रहे तहसीलदार और पटवारियों का कहना है कि कलेक्टर के पास तहसीलदार को सस्पेंड करने का अधिकारी नहीं है. फिर भी उन्होंने एक तहसीलदार को सस्पेंड कर दिया. यही नहीं तहसीलदार के खिलाफ आपराधिक केस भी दर्ज कराया गया है. हड़ताल कर रहे तहसीलदार और पटवारियों का कहना है कि जब तक कलेक्टर दर्ज केस वापस नहीं लेते काम बंद रहेगा।
संघ ने क्या दिया तर्क
इधर, राजस्व अधिकारी संघ ने सभी जिलों के कलेक्टरों को ज्ञापन दिया. संघ ने तहसीलदार के खिलाफ की गई कार्रवाई को अवैधानिक बताया. प्रोटेक्शन एक्ट में अधिकार के बाद भी नियम के खिलाफ तहसीलदार पर की गई एफआईआर वापस ली जाए. राजस्व अधिकारी संघ का कहना है कि सभी तहसीलदार भू राजस्व संहिता की धारा 31 के तबत पीठासीन अधिकारी के रूप में प्राप्त शक्तियों के आधार पर काम करते हैं. शासन के 56 विभागों के कामों का कार्यान्वयन भी किया जाता है।
राजस्व के ये दस काम ठप… चक्कर काट रहे किसान –
ये था पूरा मामला
इस हड़ताल में पूरे MP के 1400 से अधिक तहसीलदार, नायब तहसीलदार और SLR शामिल हैं. मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के अध्यक्ष गुलाब सिंह बघेल ने बताया कि जबलपुर के तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे ने 8 अगस्त 2023 को एक वसीयत के आधार पर नामांतरण का आदेश दिया था, जिसे 9 सितंबर 2023 को SDM ने निरस्त कर दिया था. इसके बाद 12 सितंबर को बिना किसी विभागीय अनुमति के FIR दर्ज कर तहसीलदार की गिरफ्तारी कर ली गई थी. संघ ने तहसीलदारों के लिए न्यायिक संरक्षण की मांग की है।
पूरे MP में हड़ताल से बाधित होंगे ये काम –
भूमि राजस्व की वसूली –
तहसीलदार और नायब तहसीलदार का मुख्य काम भूमि राजस्व की वसूली करना होता है. वे यह सुनिश्चित करते हैं कि किसान और भूमि मालिक अपने निर्धारित भूमि राजस्व का भुगतान समय पर करें।
भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव –
ये अधिकारी भूमि संबंधी सभी रिकॉर्ड और दस्तावेजों (खसरा, खतौनी आदि) को अद्यतन और सुरक्षित रखते हैं. भूमि मालिकों की जानकारी को नियमित रूप से जांचा और सत्यापित किया जाता है।
म्यूटेशन (नामांतरण) की प्रक्रिया –
जब कोई भूमि का मालिक बदलता है, तो तहसीलदार और नायब तहसीलदार भूमि के नामांतरण (म्यूटेशन) की प्रक्रिया को संपन्न करते हैं. इसमें नए मालिक के नाम पर भूमि दर्ज करना शामिल है।
भू-अभिलेखों की देखरेख –
तहसीलदार और नायब तहसीलदार विभिन्न भू-अभिलेखों (जमाबंदी, नक्शा आदि) का निरीक्षण और अपडेट करने का काम करते हैं ताकि भूमि की स्वामित्व स्थिति स्पष्ट रहे।
राजस्व विवादों का निपटारा-
तहसीलदार और नायब तहसीलदार भूमि स्वामित्व या भूमि सीमा विवादों से संबंधित मामलों को सुनते हैं और उनका निपटारा करते हैं. वे इस संबंध में छोटे-मोटे मुकदमों का न्यायिक समाधान भी देते हैं।
सर्वेक्षण और भूमि विभाजन-
वे भूमि का सर्वेक्षण और पुन: सीमांकन (री-सर्वे) कराते हैं. इसके अलावा, भूमि के विभाजन (पार्टिशन) और पुनर्वितरण के मामलों की देखरेख भी करते हैं।
कृषि संबंधित कार्य-
तहसीलदार कृषि से संबंधित गतिविधियों की निगरानी करते हैं, जैसे फसल की पैदावार और सिंचाई सुविधाओं की जानकारी रखना।
प्राकृतिक आपदा के समय राहत कार्य-
प्राकृतिक आपदा, जैसे सूखा, बाढ़, ओला वृष्टि आदि के समय वे नुकसान का आकलन करते हैं और किसानों को मुआवजा दिलाने में मदद करते हैं।
सरकारी भूमि की देखरेख-
तहसीलदार और नायब तहसीलदार यह सुनिश्चित करते हैं कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा न हो और यदि होता है तो उसे हटाने के उपाय करें।
आय प्रमाण पत्र और अन्य प्रमाण पत्र जारी करना –
तहसीलदार नागरिकों को आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और अन्य प्रशासनिक प्रमाण पत्र जारी करने का काम भी करते हैं।
रिपोर्ट – पुलिसवाला डेस्क
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