आलेख
लेबनान और सीरिया में एक साथ हुए पेजर धमाकों ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। यह घटनाएं इस्राइल-हिजबुल्लाह संघर्ष के एक नए और चिंताजनक मोड़ का संकेत देती हैं, जहां प्रौद्योगिकी को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इस्राइली फौज और मोसाद, जो उन्नत तकनीक के लिए जानी जाती हैं, ने अपने दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए संचार प्रणालियों का उपयोग किया है। हिजबुल्लाह, ईरान समर्थित एक प्रमुख संगठन, इस्राइल के उन्नत ट्रैकिंग सिस्टम से बचने के लिए पेजर का उपयोग कर रहा था। इन पेजरों में किए गए छेड़छाड़ से एक साथ हुए धमाकों ने हिजबुल्लाह की सुरक्षा प्रणाली की कमजोरियों को उजागर किया। लेबनान में नौ लोगों की मौत और हजारों के घायल होने की खबर है, जबकि सीरिया भी इससे प्रभावित हुआ।
इन धमाकों ने संचार नेटवर्क की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया है। प्रौद्योगिकी ने पारंपरिक युद्ध के स्वरूप को बदल दिया है, जहां अब संचार उपकरण भी हथियार बन सकते हैं। इस्राइल पर इन धमाकों की साजिश रचने का आरोप है, हालांकि इस्राइल ने कोई दावा नहीं किया है। लेकिन इस घटना ने पश्चिम एशिया में संघर्ष की गंभीरता को और बढ़ा दिया है, जिससे भविष्य में और बड़े संघर्ष की आशंका प्रबल हो गई है।
( राजीव खरे अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो)
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