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सड़क सुरक्षा के लिए जनसहयोग और जागरूकता अत्यंत आवश्यक : श्रीमती सुंद्रियाल


भोपाल मध्य प्रदेश जनजागरुकता के साथ तकनीक के प्रयोग से सड़क दुर्घटनाओं में आ सकती है कमी
तीन दिन तक चलने वाली पहली ‘विजन जीरो समिट’ के दूसरे दिन मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की सीईओ तन्वी सुन्द्रियाल ने रखे विचार
देश के विभिन्न स्थानों से आए शोधार्थियों और अनुसंधान विद्वानों ने किया विचार मंथन
मैनिट, पीटीआरआई और परिवहन विभाग के सहयोग से हो रहा आयोजन

भोपाल, 30 मई 2023
भोपाल के होटल कोर्टयार्ड मैरियट में आयोजित की जा रही पहली ‘विजन जीरो समिट’ के दूसरे दिन देश के विभिन्न स्थानों से आए शोधार्थियों और अनुसंधान विद्वानों ने विचार रखे। इस दौरान उन्होंने सड़क सुरक्षा के लिए जनसहयोग और जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया साथ ही दुर्घटनाओं के कारण और उनके नियंत्रण पर भी मंथन किया।
इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के विभिन्न स्थानों से आए शोधार्थी और अनुसंधान विद्वानों ने प्रस्तुतिकरण दिया। समिट के दूसरे दिन पहले सत्र में मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की सीईओ तन्वी सुन्द्रियाल (आईएएस) ने दतिया, धार और इंदौर का उदाहरण देते हुए जनसहयोग से किए जा रहे सड़क सुरक्षा के कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि जनजागरुकता से ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है। उन्होंंने चार ‘ई’ (एजुकेशन, इंजीनियरिंग, इन्फोर्समेंट और इमरजेंसी केयर) पर विस्तार से जानकारी दी।

सड़क सुरक्षा में अतिक्रमण और अवैध पार्किंग सहित कई चुनौतियां
सुन्द्रियाल ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा में अतिक्रमण और अवैध पार्किंग बड़ी चुनौतियां हैं। यातायात के दबाव के अनुरूप सड़कें संकरी हैं। सड़क सुरक्षा के लिए जेब्रा क्रॉसिंग, पर्याप्त फुटपाथ, टेबल टॉप क्रॉसिंग और वेंडर्स के लिए उपयुक्त स्थान, ऑन स्ट्रीट पार्किंग, सोलर ब्लिंकर्स आदि का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक प्रबंधन के लिए आधुनिक उपकरण का प्रयोग किया जा रहा है। इनमें लेजर स्पीड गन, ब्रीथ एनालाइजर, राडार स्पीड गन, बॉडी वॉर्न कैमरा, डैशबोर्ड कैमरा और सीसीटीवी व एएनपीआर काफी हद तक सड़क सुरक्षा में कारगर हैं। उन्होंने धार, इंदौर और दतिया में इन उपकरणों की संख्या और उसके प्रभाव को भी विस्तार से समझाया। इमरजेंसी केयर के बारे में उन्होंने इंदौर, धार और दतिया का विश्लेषण करते हुए बताया कि जिला स्तर पर ट्रॉमा सेंटर का विकास हो रहा है। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का भी विकास तेजी से किया जा रहा है।

शोधार्थियों ने प्रस्तुत किए शोध
समिट के दूसरे दिन का शुभारंभ सत्र ‘अचीविंग ट्रांसफाॅर्मेशन चेंज एंड इनोवेशन’ पर केंद्रित रहा। इसमें एमपीआरआरडीए की सीईओ आईएएस तन्वी सुन्द्रियाल, सेव लाइफ फाउंडेशन मुंबई के डॉ. रोशन जोस और एसपीए, दिल्ली के डॉ. संजय गुप्ता ने विचार व्यक्त किए। समन्वयक की भूमिका मैनिट के प्रोफेसर डॉ. राहुल तिवारी और श्री नीलांजन पॉल ने निभाई। अगला सत्र ‘एक्टिव एंड इमर्जिंग सिस्टम फॉर रोड सेफ्टी’ पर हुआ, जिसमें की-नोट स्पीकर एवं सूत्रधार के रूप में डॉ.नेहा कोल्हे मौजूद थीं। इसमें पूजा कुमारी, सुहानी जैन, श्रुति सोनी, कुनाल पासी, डॉ.शशि सक्सेना, डॉ. वात्सल्य कौशल और प्रशांति राव ने प्रजेंटेशन दिया। इस दौरान उन्होंने इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम, रोड सेफ्टी के लिए विभिन्न उपायों के बारे में जानकारी दी।
आगामी सत्र ‘ऑटोमेटेड एन्फोर्समेंट एंड सेफ्टी एसेसमेंट’ विषय पर केंद्रित रहा। इस सत्र में की-नोट स्पीकर के रूप में डॉ.पूर्णिमा परिदा और सूत्रधार डॉ.बिवीना जी .आर. मौजूद रहीं। इस सत्र में संजय कुमार वी.एस., तन्जीम आमीन, ऋषि कुमार सोलंकी, परिजात जैन, एबिन सेम व श्री रविशंकर ने प्रस्तुतिकरण दिया । इस दौरान उन्होंने पदयात्रियों की सुरक्षा, ब्लैक स्पॉट का चयन आदि विषयों पर शोध प्रस्तुत किया।
अगला सत्र ‘रिस्पाॅन्सबिलिटीज ऑफ रोड ओनिंग एजेंसीज एंड सेफ्टी कैपिसिटी बिल्डिंग’ विषय पर सत्र हुआ। इसमें मौसमी हजेला की-नोट स्पीकर रहीं। सत्र में यशी तिवारी, श्री करण मूलचंदानी, कार्तिक खोखर, राकेश मल्होत्रा, प्रिशिता शर्मा और सरवर आजाद ने शोध प्रस्तुत किया। शोधार्थियों ने इस दौरान सुरक्षित रोड डिजाइन, सड़क दुर्घटनाओं का इकोनॉमिक इम्पैक्ट आदि विषयों पर शोध प्रस्तुत किए। अंतिम सत्र ‘सेफ रोड डिजाइन’ पर हुआ, जिसमें की-नोट स्पीकर के रूप में श्री परमजीत दासगुप्ता मौजूद रहे। इसमें श्री जितेंद्र गुर्जर, अंकिता श्रीवास्तव, प्रांजल पाटकर, गौतमी मल्लेली व हरिथप्रिया विजये ने शोध प्रस्तुत किए। उन्होंने मध्यप्रदेश में स्मार्ट सिटी में ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, ब्लैक स्पॉट, पदयात्रियों की सुरक्षा के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि विषयों पर शोध प्रस्तुत किए।
रिपोर्ट अनिल भंडारी इंदौर

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