गरीबों के आवास को चुनावी मुद्दा मान भाजपा ने किया ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन और विधानसभा घेरने का पुरज़ोर प्रयास और ज़ोर आज़माइश में हलाकान हुए राहगीर और यात्री।

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छत्तीसगढ़ रायपुर
गरीबों के आवास को चुनावी मुद्दा मान भाजपा ने बुधवार को रायपुर में ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन करते हुए विधानसभा घेरने का पुरज़ोर प्रयास किया ।इस विरोध प्रदर्शन में भाजपा के लगभग सभी वर्गों के नेता अपने कार्यकर्ताओं के साथ एकजुट होकर रायपुर में उपस्थित थे।गाड़ियों और लोगों के हुजूम ने जगह जगह रास्तों में जाम जैसी स्थिति बना दी।
चर्चा के दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि अगली बार प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी और भाजपा का मुख्यमंत्री सबसे पहले गरीबों के आवास वाली फाइल पर अनुमोदन देगा।
पूर्व आईएएस और भाजपा कार्यसमिति के सदस्य गणेश शंकर मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस अब वेंटिलेटर पर है और आगामी चुनाव में भाजपा उसे धूल चटा देगी। कांग्रेस छत्तीसगढ़ में ग़रीबों को ठग रही है और पीएम आवास जैसी जनकल्याणकारी योजना का लाभ आवासहीन उन तक नहीं पहुंचने दे रही है।



भाजपा नेता ओपी चौधरी ने कहा कि 15 लाख ग़रीबों के आवास इस सरकार ने छीन लिये हैं। सिर्फ़ विधानसभा तक जाने से हमें रोकने के लिये जिस तरह से सरकार ने बैरिकेड्स लगा दिये कि ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान के लोगों को अंदर घुसने से रोका जा रहा है । चौधरी ने कहा कि हम जनता को आवास दिला कर रहेंगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि ये गरीबों की लड़ाई है और भाजपा ने इस विधानसभा घेराव में ग़रीब जनता के बीच अधिकारों के प्रति जागरुकता जगा दी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गरीब कल्याण के जितने काम देश में हुए उतने कभी नहीं हुए। भाजपा गरीबों को उनके हक दिलाने का काम करती है, राज्य में भी जब भाजपा की सरकार बनेगी तो हम उन्हें उनका हक़ दिलाएँगे।
प्रदेश भाजपा गरीबों को उनके हक दिलाने का काम कर रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि चुनाव नजदीक देख भाजपा गरीबों की आवास की चिंता की नौटंकी कर रही है वास्तव में में भाजपा को गरीबों की नहीं बल्कि अपनी डूबती राजनीतिक नैया को बचाने की चिंता है। उन्होंने कहा कि यह वही भाजपा है जो 15 साल की सत्ता के समय गरीबों के मकानों पर बुलडोजर चलाने का काम करती थी ।
खैर नोकझोंक दोनों दलों के बीच कुछ भी हुई हो और कुछ छुटपुट धक्का मुक्की भी प्रदर्शनकारियों और पुलिस बल के बीच हुई हो पर असली परेशानी उन हज़ारों लोगों को हुई जिनके आने जाने के रास्ते पुलिस ने बंद कर दिये थे और कुछ रास्तों को प्रदर्शनकारियों के बेतरतीब ढंग से खड़े वाहनों ने रोक रखा था। और इन सब ज़ोर आज़माइश के बीच सजा मिल रही थी उन लोगों को जिनके काम बंद रास्तों और बेतरतीबी से फँस चुकी गाड़ियों के बीच धक्के खा रहे थे। पर प्रशंसा करनी होगी पुलिस बल की जिसने यथासंभव ऐसे लोगों को निकालने में मदद की ।

राजीव खरे स्टेट ब्यूरो चीफ़ छत्तीसगढ़

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