20 साल बाद पिटेपाल में विकास की दस्तक, पथराई आंखों में नई भोर की जगी उम्मीद।

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छत्तीसगढ़
बीजापुर

विकासखंड भैरमगढ़ का ग्राम पंचायत बेचापाल जो कभी बीजापुर क्षेत्र में माओवाद प्रभावित अतिसंवेदनशील क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, पर यह अब बीते दिनों की बात है । क्योंकि इस ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम पिटेपाल में सामुदायिक पुलिसिया कार्यक्रम के तहत 20 साल बाद पहली बार ग्रामीणों के लिए शिविर के माध्यम से शासन की हितग्राहीमूलक तमाम योजनाओं के हितग्राहियों का चिन्हांकन कर ग्रामीणों को होने वाले फायदे से अवगत कराया जा रहा है। नक्सली दहशत की उबड़-खाबड पगगंडियों से निकलने और शासन की योजनाओं से जुड़कर ग्रामीण विकास की पक्की सड़क में दौड़ने को आतुर हैं।
शिविर में आस पास के लगभग 5 सौ से अधिक ग्रामीणों को कंबल, खाना बनाने के बर्तन और बच्चों को पुस्तक-कापी का वितरण किया किया गया। शिविर में बुजुर्ग जिनकी पथराई आंखों में बदलते परिवेश की नई भोर की उम्मीद, महिलाएं जिनके चेहरे पर अपने दूध मुहें बच्चों के लिए सुरक्षित भविष्य की चमक और खिलते हुए बच्चे जिनके होठों पर अक्षर ज्ञान और विज्ञान को समझने की जिज्ञासा भरी मुस्कान शामिल होकर एक नई जिंदगी लिखने की झटपटाहट लिए शामिल हुए। यह शिविर अपने-आप मे बहुत सफल साबित हुआ है। लोगों का पूरा समर्थन विकास की ओर दिखाई दे रहा है और वो दिन अब दूर नहीं कि यहाँ से भी हर क्षेत्र की प्रतिभाऐं कभी नक्सलवाद के प्रतीक कहलाने वाला यह गाँव किसी बहुत अच्छी उपलब्धि के नाम से जाना जाएगा ।
( सुनील कुमार श्रीवास्तव ज़िला ब्यूरो)

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