रायपुर, छत्तीसगढ़। राजधानी रायपुर के स्टेशन रोड, नर्मदापारा स्थित सर्वधर्म संकटमोचन हनुमान मंदिर में समाजसेवी कुबेर राठी जी द्वारा संचालित भंडारा प्रसादी की अटूट परंपरा आज भी उसी समर्पण भाव से जारी रही। जैसा कि सर्वविदित है, यह जनसेवा का कार्य सन 2009 से लगातार चलाया जा रहा है।

भक्तों को बैठाकर आदरपूर्वक भोजन प्रसादी
आज भी मंदिर परिसर में भक्तों का बड़ा तांता लगा रहा। भक्तों का कहना है कि यह भंडारा छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा भंडारा है,इस भंडारे की सबसे खास बात इसकी व्यवस्था है, जो भक्तों को बहुत भाती है। भक्तों को आदरपूर्वक टेबल कुर्सी पर बैठाकर भोजन प्रसाद दिया जाता है, जिससे सेवा और सम्मान का भाव परिलक्षित होता है। भक्तों ने इस व्यवस्थित सेवा पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की।

सुबह से शुरू होती है सेवा की तैयारी
भंडारे के भोजन को बनाने का कार्य सुबह से ही प्रारंभ हो जाता है और यह कार्य पूरी साफ-सफाई तथा स्वच्छता के साथ किया जाता है। इसके अलावा, टिफिन में पैक करके और थैलों में रखकर भी यह प्रसाद जरूरतमंद भक्तों तक पहुंचाया जाता है, ताकि अधिक से अधिक लोग सेवा का लाभ ले सकें।

“नर सेवा ही नारायण सेवा”
समाजसेवी कुबेर राठी जी इस निरंतर सेवा के पीछे अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहते हैं, “मैं नर सेवा करके मानता हूँ कि नारायण की सेवा हो गई है।” उनका यह कथन उनकी सेवा भावना और समर्पण को दर्शाता है, जिसके माध्यम से वे लगातार 15 वर्षों से भी अधिक समय से रायपुर की जनता की सेवा कर रहे हैं।

यह भंडारा केवल भोजन वितरण नहीं, बल्कि एक आस्था का केंद्र और निरंतर जनसेवा की मिसाल बन चुका है, जो कुबेर राठी जी के निःस्वार्थ योगदान से संचालित है।
रिपोर्ट :मयंक श्रीवास्तव
ब्यूरो चीफ, पुलिसवाला न्यूज़







