अब अब्दुल बनकर ही जीना पसंद है- शरद सांखला

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इंदौर मध्य प्रदेश
इंदौर। टेलीविजन सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा के कलाकार बतौर ही मेरी अपनी पहचान बन गई है। मुझे अब अब्दुल ही बनकर ही जीना अच्छा लगता है ।
आज शहर प्रवास पर बातचीत करते हुए कही। कलाकार शरद सांखला अपने नाम के बजाय अब अब्दुल सोडे वाला के तौर पर जाना जाता है और मैं भी अब अब्दुल बनकर जीना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि
प्रेम सौहाद्र के देश हिंदुस्तान में हम प्रेम भाईचारे का संदेश देने का ही काम हमारे सीरियल के माध्यम से करते है।
हिंदुस्तान एक भाईचारा का बना गुलदस्ता हे और यह हमेशा बना रहे।
तारक मेहता का उल्टा चश्मा में जो किरदार मुझे मिला ओर उससे जनता ने मुझे जो प्यार मिलता हे वह अब मेरी जिंदगी हे इसलिए नए प्लेटफार्म के बजाय इसी सीरियल का काम करता रहूं यही ख्वाइश है।

 


शूटिंग की व्यस्तता के बावजूद अपनों से मिलने की चाहत हमेशा बनी रहती है। कलाकार होने से हम कामकाजी व्यस्तता के बीच अपनों से किए कमिटमेंट को भी निभाने की इच्छा रखते है। इंदौर में आना भी इसी कमिटमेंट का हिस्सा है। अपने अजीज दोस्त के साथ किया कमिटमेंट निभाना था इंदौर आया लेकिन ईश्वर ने इतनी तेज बारिश बरसाई की हम आए लेकिन प्रशंसकों तक नहीं पहुंच पाए। बारिश तूफान ने बिजली गुल हो गई । ऐसे में हम अपने प्रशंसकों के बीच न पहुंच पाने का मलाल अवश्य है।
अक्षय गारमेंट्स की गुणवत्ता और डिजाइन ने मायानगरी में एक अलग पहचान बनाई है।
मेरे बहुत से साथी कलाकारों के लिए उनकी पसंद के गारमेंट्स लेकर जा रहा हूं।
अक्षय भाई ने अनेक इवेंट्स में अपनी कलाकृति और सृजनता से परिपूर्ण गारमेंट्स से बड़ा नाम कमाया है। रिपोर्ट अनिल भंडारी

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