Policewala
Home Policewala सिवनी २३ दिसंबर २०२३ :- गीता केवल हिन्दू सभ्यता को मार्गदर्शन नहीं देती. यह जाति वाद से कही ऊपर मानवता का ज्ञान देती हैं.
Policewala

सिवनी २३ दिसंबर २०२३ :- गीता केवल हिन्दू सभ्यता को मार्गदर्शन नहीं देती. यह जाति वाद से कही ऊपर मानवता का ज्ञान देती हैं.

सिवनी/ मध्यप्रदेश
गीता के अठारह अध्यायो में मनुष्य के सभी धर्म एवं कर्म की आचार संहिता है गीता । विश्व की एक मात्र पुस्तक है जिसकी जयंती मनायी जाती है और यह जयंती इस लिये मनायी मनायी जयंती है क्योकि इसका जन्म हुआ भगवान श्रीकृष्ण ने इसका उपदेश कुरूक्षेत्र में अर्जुन को दिया था । इसमें सत युग से कल युग तक मनुष्य के कर्म एवं धर्म का ज्ञान हैं. गीता के श्लोको में मनुष्य जाति का आधार छिपा हैं. मनुष्य के लिए क्या कर्म हैं उसका क्या धर्म हैं. इसका विस्तार स्वयं कृष्ण ने अपने मुख से कुरुक्षेत्र की उस धरती पर किया था । उसी ज्ञान को गीता के पन्नो में लिखा गया हैं, यह सबसे पवित्र और मानव जाति का उद्धार करने वाला ग्रन्थ हैं । इस आशय की बात गीता परिवार सिवनी के संरक्षक पंडित जानकी बल्लभ मिश्र ने गीता परिवार महिला मंडल द्वारा महावीर व्यायामशाला भैरोंगंज में आयोजित गीता जयंती के कार्यक्रम में अपने सारगर्भित संबोधन में कही। पंडित जानकी बल्लभ मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि गीता के महत्व और गीता की श्रेष्ठता पर प्रवचन आज का विषय नहीं है आज का दिन गीता परिवार के लिये एक संकल्प लेने का अवसर है और आज यह संकल्प ले कि भगवत गीता के पठन पाठन को ऐसी व्यापकता प्रदान करें कि इसकी पहुँच हर सनातन धर्मी के घर तक हो ।
पंडित जानकी बल्लभ मिश्रा ने कहा कि गीता जी मानव जाति को कर्तव्य का बोध कराती है परिवारों में संस्कार और सदाचार का सबसे अच्छा उपचार है घरों में गीता का पठन पाठन कराने के लिये रूचि पैदा करें । श्री मिश्रा ने कहा कि परिवारों में गीता के प्रति रूचि पैदा करने के लिये मातृशक्ति सबसे उपयुक्त है अधिकतम महिलाएँ एवं बच्चियों को भगवत गीता के प्रति रूचि प्रदान कर दिया जाये परिवारों में भगवत गीता के संस्कार सहजता से पहुँच सकते है । लगभग दो दशक पूर्व गीता परिवार द्वारा जो प्रयास प्रारंभ किया गया था उसके परिणाम भी दिख रहे है इसको क्रमश: आगे बढाने का क्रम यदि जारी रखा जाये तो भगवत गीता की पहुँच हर घर में तक हो जाना कठिन कार्य नहीं है ।
कार्यक्रम में उपस्थित बलवंतानंद जी महाराज ने कहा कि वैदिक संस्कार और संस्कृति की रक्षा के लिये पंडित जानकी बल्लभ मिश्रा ने अपने संपूर्ण समर्पण दिया है और उनके सफल प्रयास से जहाँ जिले में हजारों वैदिक ब्राह्मण संस्कारित हुये है तो वहीं भगवत गीता के पठन पाठन के लिये उनके प्रयास से छोटी छोटी बच्चियाँ गीता के श£ोको का उच्चारण कर रही है यह संंस्कार व्यापक रूप प्राप्त करेंगे ।
कार्यक्रम में ब्रह्मकुमारी की गीता दीदी एवं नीतू दीदी की गरिमापूर्ण उपस्थिती रही । गीता दीदी ने कहा कि पंडित जानकी बल्लभ मिश्रा ने भगवत गीता के प्रचार प्रसाद और घर घर तक पहुँचाने के जो प्रयास किये है वह अनुकरणीय है मैने स्वयं भी गीता के संबंध उनसे बारीकियाँ सीख कर भगवत गीता अपने ज्ञान को विस्तार दिया है ।
कार्यक्रम के प्र्रारंभ में भगवत गीता, ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वारूपानंद, का पूजन कर कार्यक्रम का श्रीगणेश किया । वेदिक मंत्रो एवं गीता के श£ोको से परिसर पवित्र हुआ ।
कार्यक्रम में पंडित जानकी बल्लभ मिश्रा के शिष्य के पुत्र प्रेमकृष्ण शास्त्री ने गीता के उपदेश पर संक्षिप्त व्याख्यान दिया । गीता जयंती के इस गरिमामय कार्यक्रम में वैदिक संस्कार केन्द्र के शिष्य एवं गीता परिवार की मातृशक्ति सहित ताराचंद मिश्रा, जीवनलाल सनोडिया, निरंजन मिश्रा आदि की उपस्थिती रही ।

रिपोर्ट:-जितेंद्र बघेल

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी

चंदेरी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई चंदेरी द्वारा रानी लक्ष्मीबाई जयंती के...

इंदौर के धोबी घाट पर धोबी समाज के लोगों की हुई बैठक हिंदूवादी भी हुए शामिल

इंदौर मध्य प्रदेश इंदौर के महापौर द्वारा धोबी घाट पर क़र्बला कमेटी...