Policewala
Home Policewala ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड में मारा था इज़राइल ने आतंकियों को दुनिया में ढूँढ- ढूँढ कर और और अब आरंभ किया हमास के खिलाफ आपरेशन आयरन स्वॉर्ड।
Policewala

ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड में मारा था इज़राइल ने आतंकियों को दुनिया में ढूँढ- ढूँढ कर और और अब आरंभ किया हमास के खिलाफ आपरेशन आयरन स्वॉर्ड।

अंतर्राष्ट्रीय ब्यूरो


टैक्सास अमेरिका
जर्मनी के म्यूनिख में 1972 में आयोजित ओलंपिक में पूरी दुनिया से खिलाड़ी इकट्ठा हुए और वहाँ के खेलगाँव में ठहरे हुए थे।इस ओलंपिक में भाग ले रहे इज़राइली खिलाड़ी पहले से ही अपने देश के हालातों के चलते चिंतित थे। ओलंपिक का पहला दिन तो शांति से गुजर गया पर 4 सितंबर की रात को इज़राइली खिलाड़ी जब अपने-अपने कमरों में सो रहे थे तभी सुबह के लगभग चार बजे 2 आतंकवादी संगठनों ब्लैक सेप्टेम्बर और फिलिस्तीन लिबरेशन के 8 आतंकी ओलंपिक खेलगाँव की दीवार फांद कर इज़राइली खिलाड़ियों की बिल्डिंग में घुस गए। खुद को बचाने की कोशिश में 2 इज़राइली खिलाड़ी मारे गए, जबकि 2 खिलाड़ी बच निकलने में कामयाब हुए और 9 खिलाड़ियों को आतंकियों ने बंधक बना लिया और 5 सितंबर 1972 को इन्हें मार दिया।

आतंकियों की मांग थी कि इज़राइली जेल से 234 कैदियों और जर्मन जेल से 2 कैदियों को रिहा कर दिया जाए पर इज़राइली सरकार ने किसी भी आतंकी को रिहा करने से साफ़ मना कर दिया। फिर आतंकियों ने कायरो, मिस्र जाने के लिए दो प्लेन की मांग रखी। जर्मन पुलिस ने एक ऑपरेशन के जरिये बिल्डिंग को उड़ाने का प्लान बनाया , पर टीवी से आतंकियों को इसका पता चल गया। फिर पुलिस ने उन्हें हवाई अड्डे पर पकड़ने का प्लान बनाया, मगर वो भी टीवी के जरिए आतंकियों को पता चल गया।

रात को बंधक खिलाड़ियों और आतंकियों को हेलीकॉप्टर के जरिए एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया । वहाँ जर्मन सिपाही स्नाइपर्स के साथ तैयार थे, पर जैसे ही आतंकियों को इसका पता चला, उन्होंने जवाबी हमला शुरू कर दिया। इसके बाद जर्मन सेना वहाँ पहुंच गई, सेना को देख आतंकियों ने सभी बंधकों को मार दिया।
जर्मन सेना ने तीन आतंकियों को मार दिया और अन्य तीन को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद इन आतंकियों की बचाने के लिए उनके दो साथियों ने एक प्लेन को हाईजैक कर लिया और उनकी रिहाई की मांग की जिस पर जर्मनी ने तीनों आतंकियों को रिहा कर दिया और वे लीबिया चले गए ।

इसके बाद इजराइल की मोसाद ने ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड यानी खुदा का कहर लांच किया।
इजराइली खिलाड़ियों को निर्मम मौत देने वालों और उनके समर्थक 20 से 35 आतंकियों की एक हिट लिस्ट तैयार की गई। इस लिस्ट में शामिल आतंकी यूरोप से लेकर मध्य पूर्व तक अलग-अलग देशों में छिपे हुए थे। हर आतंकी को ढूंढ-ढूंढकर मारना था और इज़राइली सरकार यह सीधे तौर पर यह नहीं कर सकती थी। ऐसे में इसकी जिम्मेदारी मोसाद को दी गई।मोसाद ने तय किया कि किसी भी हाल इन्हें मारना है, चाहे किसी भी तरह का जोखिम या कोई क़ीमत क्यों न चुकानी पड़े। मोसाद के जासूसों ने जिनमें कुछ महिलाएं भी थीं आतंकियों की इस हिट लिस्ट के आतंकियों को दुनिया के कोने-कोने से ढूंढ़कर मारा। यह आपरेशन 12 साल तक चला, जिसमें यूरोप और मध्य पूर्व में तक छिपे सभी आतंकी मारे गए थे। ऐसा कहा जाता है कि मोसाद के एजेंट आतंकियों को मारने से पहले उनको यह लिख कर तोहफा भेजते थे, कि हम न तो भूलते हैं और न ही माफ करते हैं।

इज़राइल पर हमास के ताज़ा हमले में हजारों लोगों की जान जा चुकी है। सिर्फ़ इज़राइल के ही एक हजार से ज्यादा लोग गंवा चुके हैं। गाजा पट्टी में हमास और फ़िलिस्तीनियों की मौत का आंकड़ा भी इसी के करीब है। हालाँकि अस्तित्व में आने के बाद से ही इज़राइल के पड़ोसी देशों के साथ संबंध अच्छे नहीं रहे हैं, पर यह सिर्फ दूसरा मौका है, जब उस पर इतना बड़ा हमला हुआ है। इस हमले के बाद इज़राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पर मोसाद दुनिया की सबसे खतरनाक एजेंसियों में से एक है और इस हमले के जवाब में यह हमास के आतंकियों पर ताबड़तोड़ हमले कर रही है। शनिवार की सुबह फिलिस्तीन के आतंकी समूह हमास ने गाजा से इजरायल पर किये हमले में दनादन रॉकेट छोड़कर सनसनी फैला कर इजराइल में आतंकी घुस गए और खूनखराबा शुरू कर दिया । इसके जवाब में इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने दुश्मन को कीमत चुकाने की स्पष्ट धमकी देते हुए हमास के खिलाफ युद्ध का एलान कर गाजा पर ताबड़तोड़ बमबारी शुरू कर दी।गाजा की बिजली काट दी है और लगातार एयर स्ट्राइक और बमबारी में ग़ाज़ा में भयंकर नुक़सान हुआ है। हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और घरों और इमारतों को बड़ा नुक़सान हुआ है। इज़राइल का कहना है इस युद्ध के बाद हम ग़ाज़ा का नक़्शा ही बदल देंगे।
दुनिया के देश अलग-अलग प्रतिक्रिया इस युद्ध पर दे रहे हैं। कुछ देश सीधे किसी का समर्थन कर रहे हैं, जैसे ईरान सीधे हमास का समर्थन कर रहा है तो अमेरिका इज़राइल का। पर बाक़ी यहाँ तक कि खाड़ी सहित अन्य बहुत से मुस्लिम देश संतुलित प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यह एक बदली हुई दुनिया का संकेत है जिसमें बाज़ार वाद और दुनिया में अमेरिकी प्रभुत्व स्पष्ट दिख रहा है। क्योंकि कोई अमेरिका से विरोध नहीं चाहता । पर लेबनान और ईरान का रवैया उनके लिये ही आत्मघाती लग रहा है जो आतंकवाद का समर्थन कर इस आग में घी डाल रहे हैं।
युद्ध की परिणति कुछ भी हो पर सैनिकों के साथ बड़ी संख्या में मरते निरपराध भी हैं जो अमन का ख़्वाब लेकर अपने परिवार के साथ एक ख़ुशनुमा ज़िंदगी की तलाश में थे ।
( राजीव खरे – राष्ट्रीय उप संपादक)

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

कलेक्टर मैहर ने की ग्रामीण विकास कार्यों की समीक्षा, मनरेगा लेबर बजट बनाने के दिए निर्देश

मैहर मध्य प्रदेश जिला पंचायत और जनपद पंचायत के अधिकारियो की बैठक...

अवैध शराब मात्रा 333 लीटर कुल कीमती 1,34,500/- रु., स्विफ्ट डिजायर कार सहित आरोपी को किया गया गिरफ्तार

टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी द्वारा अवैध शराब विक्रय एवं परिवहन करने...

11 वर्षीय नाबालिक से बलात्कार के आरोपी को अजीवन करावास: टीकमगढ़ कोर्ट का फैसला

टीकमगढ़ जिला अभियोजन अधिकारी आलोक कुमार श्रीवास्‍तव के निर्देशन में विशेष लोक...

श्रीदेव ठाकुर बाबा मंदिर में विशाल भंडारा प्रसादी वितरण 19 को

मोनू भैया” की प्रथम पुण्य तिथि पर लगातार विविध कार्यक्रम जारी गोटेगांव...